गुजरात चुनाव: कहीं कट ना जाए टिकट, विधायकों को सता रहा है डर
हार्दिक पटेल के साथ बातचीत किसी नतीजे पर पहुंच जाने के बाद ही कांग्रेस अपने उम्मीदवारों का ऐलान करेगी। उसके पास पहले से ही ओबीसी नेता अल्पेश ठाकुर और दलित नेता जिग्नेश मेवानी का समर्थन है
नई दिल्ली। गुजरात चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर है इसी बीच गुजरात में बीजेपी के वर्तमान विधायक डरे हुए हैं। उनको डर है कि अबकी बार उनका टिकट ना कट जाए।पार्टी के कई मौजूदा विधायकों को डर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सरकार विरोधी लहर से निपटने के लिए टिकटों के बंटवारे में अपना जांचा-परखा फॉर्म्युला आजमा सकते हैं। इसके तहत कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने की बात है।
अब केशुभाई तो बीजेपी के लिए राजनीतिक खतरा नहीं हैं, लेकिन हार्दिक पटेल बड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं। बेशक हार्दिक का कद केशुभाई के मुकाबले काफी कम है, लेकिन पटेल कोटा आंदोलन को लेकर जिस तरह से यह समुदाय एकजुट हुआ, ऐसा पहले कभी नहीं देखने को मिला। हार्दिक के कांग्रेस का समर्थन करने की पूरी संभावना है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ, तो भी वह बीजेपी को तो किसी सूरत में नहीं समर्थन करेंगे। हालांकि, कुछ विधायकों की उम्मीद है कि राज्य के नए राजनीतिक समीकरण दल-बदल से बचने के लिए हाई कमान को शायद ऐसा कोई कदम उठाने से रोक दें।
हार्दिक पटेल के साथ बातचीत किसी नतीजे पर पहुंच जाने के बाद ही कांग्रेस अपने उम्मीदवारों का ऐलान करेगी। उसके पास पहले से ही ओबीसी नेता अल्पेश ठाकुर और दलित नेता जिग्नेश मेवानी का समर्थन है। ठाकुर ने अपनी इकाई का विलय कांग्रेस के साथ कर लिया है। चूंकि ठाकुर और हार्दिक के बीच हितों का टकराव है, लिहाजा अगर हार्दिक कांग्रेस से हाथ मिलाते हैं, तो पार्टी को कुछ चुनाव क्षेत्रों में टिकट बंटवारे के लिए आम-सहमति बनानी होगी, खासतौर से वैसी सीटों पर जहां दोनों पक्षों को अपने लिए बेहतर संभावना नजर आती है।
कांग्रेस पहले ही अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव के दौरान ऐलान कर चुकी है कि इस बार सभी मौजूदा विधायकों को टिकट दिया जाएगा। अगर पार्टी अपनी इस बात पर कायम रहती है, तो 43 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के बारे में फैसला पहले ही हो चुका है।
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