संसद में हंगामे की वजह से टैक्सपेयर का 130 करोड़ से ज्यादा बर्बाद, 107 की जगह सिर्फ 18 घंटे हुआ काम
नई दिल्ली, 31 जुलाई: संसद का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले पेगासस नाम से एक रिपोर्ट आई। जिसमें दावा किया गया कि देश के कई बड़े पत्रकारों, नेताओं आदि के फोन की जासूसी की गई। इसको लेकर लगातार संसद के दोनों सदनों में बवाल जारी है। वैसे सांसद रोजाना सदन में हंगामा करते हुए बाहर निकल जाते हैं, लेकिन उनकी इन हरकतों की वजह से अब तक 130 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।
NDTV ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि जब संसद में किसी मुद्दे को लेकर गतिरोध पैदा होता है, तो लोकसभा संभावित 54 में से केवल 7 घंटे काम करती है, जबकि राज्यसभा संभावित 53 में से 11 घंटे काम करती है। मौजूदा मानसून सत्र में अब तक संसद को 107 घंटे काम करना था, लेकिन सिर्फ 18 घंटे ही काम हुआ। ऐसे में देखा जाए तो 89 घंटे का वक्त पूरी तरह से बर्बाद हुआ। इसका मतलब है कि करदाताओं का कुल नुकसान 130 करोड़ रुपये से अधिक है।
पीएम
ने
जताई
थी
नाराजगी
हाल
ही
में
कांग्रेस
और
विपक्ष
के
हंगामे
पर
पीएम
मोदी
ने
भी
नाराजगी
जताई
थी।
बीजेपी
संसदीय
दल
की
बैठक
में
उन्होंने
कहा
कि
कांग्रेस
ना
तो
सदन
चलने
देती
है,
ना
चर्चा
होने
देती
है।
इन
सब
बातों
को
15
अगस्त
को
जनता
को
संबोधित
करते
हुए
बताएंगे।
संसद में हंगामा करने वाले सांसद 2 साल के लिए हों निलंबित, ऐसा कानून लाए केंद्र सरकार- रामदास अठावले
जांच
की
मांग
को
लेकर
बवाल
जब
से
पेगासस
मामला
सामने
आया,
तब
से
विपक्षी
दल
उसकी
जांच
की
मांग
कर
रहे
हैं।
कांग्रेस
के
मुताबिक
पेगासस
बनाने
वाली
कंपनी
कह
चुकी
है
कि
वो
सिर्फ
सरकार
को
ही
अपना
सॉफ्टवेयर
देती
है।
ऐसे
में
साफ
है
कि
भारत
सरकार
ने
ही
जासूसी
करवाई।
अगर
कोई
और
जासूसी
करवा
रहा,
तो
ये
और
ज्यादा
चिंता
का
विषय
है।
ऐसे
में
संयुक्त
संसदीय
समिति
या
सुप्रीम
कोर्ट
की
निगरानी
में
इसकी
जांच
करवाई
जाए।
हालांकि
सरकार
ने
सभी
आरोपों
का
खारिज
करते
हुए
जांच
से
इनकार
कर
दिया
था।