Goa Liberation Day 2020: क्या आपको पता है गोवा हमेशा से स्वतंत्र भारत का हिस्सा नहीं था?
Goa Liberation Day 2020: क्या आपको पता है गोवा हमेशा से स्वतंत्र भारत का हिस्सा नहीं था?
Goa Liberation Day 2020/Goa Annexation Day: क्या आपको पता है कि 15 अगस्त सन 1947 को भारत तो आजाद हो गया था लेकिन गोवा हमेशा से स्वतंत्र भारत का हिस्सा नहीं था। गोवा स्वतंत्र भारत का हिस्सा 19 दिसंबर 1961 को हुआ। इसलिए 19 दिसंबर को हर गोवा मुक्ति दिवस मनाता है। लेकिन गोवा 30 मई को अपना स्थापना दिवस मनाता है क्योंकि 30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। Goa Liberation Day पर आइए जानते हैं गोवा का इतिहास?
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-पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया था। जिसके बाद 19 दिसंबर 1961 में गोवा को पुर्तगालियों ने भारतीय प्रशासन को सौंपा था। गोवा की स्वतंत्रता का जश्न मनाने के लिए गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day) मनाया जाता है।
-गोवा शहर पर मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों का आक्रमण हुआ था, जिसके बाद गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में चला गया था। गोवा पूर्व दिशा में पुर्तगाली साम्राज्य की राजधानी बन गया था। जहां लिस्बन के समान नागरिक अधिकार दिए गए और 1575 से 1600 के बीच यह पुर्तगालियों के अदर उन्नति के सर्वोच्च शिखर पर था।
-1809 से 1815 के बीच नेपोलियन ने पुर्तगाल पर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद एंग्लो पुर्तगाली गठबंधन हुआ, जिसके बाद गोवा पर अंग्रेजों का राज हो गया। 1815 से 1947 तक गोवा में अंग्रेजों ने शासन किया।
-भारत की आजादी के वक्त पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अंग्रेजों के सामने ये मांग की थी कि गोवा को भारत के अधिकार में दे दिया जाए। उसी दौरान पुर्तगाल ने फिर से गोवा पर दावा किया। अंग्रेजों की दोहरी नीति और पुर्तगालियों के दबाव के कारण गोवा को फिर से पुर्तगाल को हस्तांतरित किया गया।
-जिसके बाद 19 दिसंबर 1961 गोवा स्वतंत्र भारत का हिस्सा बना। जिसके लिए 1961 में भारतीय सेना के तीनों अंगों को गोवा को भारत के अधिकार में लेने के लिए युद्ध के लिए तैयार होने का आदेश दिया गया था। भारतीय सेना ने 2 दिसंबर को 'गोवा मुक्ति' अभियान शुरू किया था। भारतीय थल सेना और वायु सेना के हमलों से पुर्तगालियों ने गोवा को भारत को सौंपने का फैसला किया। 19 दिसंबर, 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।