प्रणब मुखर्जी ने निधन पर बेटी शर्मिष्ठा का भावुक पोस्ट, ऐसे किया बाबा को याद
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी का आज शाम निधन हो गया है। भारत रत्न मुखर्जी के निधन पर उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट किया है। शर्मिष्ठा ने ट्वीट कर लिखा- सभी को नमन. बाबा, सबको को आपका अंतिम अलविदा कहने के लिए आपके पसंदीदा कवि को उद्धृत करने की स्वतंत्रता ले रही हूं। आपने लोगों की और राष्ट्र की सेवा में एक भरपूर और सार्थक जीवन जिया। मैं खुद को धन्य समझती हूं कि मैंने आपकी बेटी के तौर पर जन्म लिया।
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पीएम मोदी ने ऐसे किया याद
भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर पीएम मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। एक विद्वान व्यक्ति उत्कृष्टता, एक विशाल राजनेता, वह राजनीतिक स्पेक्ट्रम और समाज के सभी वर्गों द्वारा उनकी प्रशंसा की गई। नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए प्रणब मुखर्जी के साथ अपनी दो फोटो भी शेयर की।
उनका देहावसान एक युग की समाप्ति: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट करते हुए लिखा, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। डॉ. मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्होंने आगे लिखा कि असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था। 5 दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में वो उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी सदैव जमीन से जुड़े रहे। अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे भी सर्वप्रिय थे।
पांच दशक का रहा प्रणब मुखर्जी का राजनीतिक करियर
84 साल के प्रणब मुखर्जी 20 दिन से वो मौत और जिंदगी के बीच लड़ रहे थे। 20 दिन पहले उनकी उनकी ब्रेन सर्जरी की गई थी। ऑपरेशन के बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी और वे लगातार वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। प्रणब मुखर्जी भारतीय राजनीति का बड़ा नाम रहे। 50 साल के अपने राजनीतिक करियर में वो कई दफा केंद्रीय मंत्री और दूसरे बड़े पदों पर रहे। वे जुलाई 1969 में पहली बार राज्य सभा में चुनकर आए। तब से वे कई बार राज्य सभा के लिए चुने गए। फरवरी 1973 में पहली बार केंद्रीय मंत्री बनने के बाद मुखर्जी ने चालीस साल में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सभी सरकारों में मंत्री पद संभाला था। इसके बाद भारत के राष्ट्रपति भी रहे। कई मौकों पर उनको प्रधानमंत्री पद का भी दावेदार माना गया। पिछले साल अगस्त में प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिया गया था।
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