कोरोना की दूसरी लहर में लापरवाही बरतने के लिए निजी अस्पताल के 5 डॉक्टरों के खिलाफ FIR, मरीज की चली गई थी जान
नोएडा के अधिकारियों ने कोरोना की दूसरी जानलेवा लहर के दौरान लापरवाही बरतने के लिए 5 डॉक्टरों पर मामला दर्ज किया है।
नोएडा के अधिकारियों ने कोरोना की दूसरी जानलेवा लहर के दौरान लापरवाही बरतने के लिए 5 डॉक्टरों पर मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने सोमवार को पुष्टि करते हुए कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान लापरवाही के कारण एक व्यक्ति की मौत के लिए निजी अस्पताल के 5 डॉक्टरों पर मामला दर्ज किया है।
मरीज के परिवार ने दावा किया कि उसे समय पर रेमडेसिविर का इंजेक्शन नहीं लगाया गया। जिसके कारण मरीज की मौत हुई। डॉक्टर अगर लापरवाही नहीं करते तो उनकी जान बच सकती थी। डॉक्टर की लापरवाही की वजह से मरीज की जान गई। मृतक के परिजनों का दावा है कि डॉक्टर के कहने पर भी रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाया गया।
आरोपों को पाया सही
गौतम बुद्ध नगर के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. टीकम सिंह की शिकायत पर यथार्थ अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ धारा 304ए के तहत फेज-2 पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। डॉ. टीकम सिंह ने एक आधिकारिक जांच समिति का भी नेतृत्व किया जिसने गाजियाबाद स्थित परिवार की शिकायत की जांच की और आरोपों को सही पाया।
अस्पताल के प्रबंधक निदेशक ने किया खंडन
हालांकि, यथार्थ अस्पताल के प्रबंध निदेशक कपिल त्यागी ने दावा किया कि आरोप गलत है। मरीज को गंभीर हालत में हमारे अस्पताल में लाया गया था। मेरा मानना है कि आधे घंटे की भी देरी होती तो मरीज की जान नहीं बचती। लेकिन यहां उसकी हालत में सुधार होने लगा और करीब 35 दिन बाद परिजन उसे दिल्ली के दूसरे अस्पताल ले गए।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
उन्होंने कहा कि पिछले साल महामारी की दूसरी लहर के दौरान चुनौतीपूर्ण स्थिति को देखते हुए अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने अपने स्तर पर अच्छा काम किया। फेज-2 थाने के प्रभारी परमहंस तिवारी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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