Farmers Protest : सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन पर आज फिर सुनवाई, कमेटी पर होगी सबकी नजर
Farmers Protest: सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन पर आज फिर सुनवाई, कमेटी पर होगी सबकी नजर
नई दिल्ली: Supreme Court on Farmers protest hear pil challenging: केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 20 दिन से जारी है। सरकार और किसानों के बीच कृषि कानून को लेकर कई बार बातचीत हो चुकी है लेकिन इसका कोई भी हल नहीं निकला है। ऐसे में बुधवार (16 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सुलझाने के लिए इसपर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार यानी आज (17 दिसंबर) को फिर इस पर फिर मामले पर सुनवाई होनी है। कोर्ट के आदेशानुसार कमेटी का गठन पर फैसला आज ही किया जाएगा।
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किसानों की मांग है कि इस पूरे कानून को रद्द किया जाए, वहीं सरकार का कहना है कि इस मामले पर पीछे नहीं हटेगी। सरकार ने किसानों के सामने संशोधन का रास्ता दिया है। लेकिन वो किसानों को मंजूर नहीं है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन पर सुनवाई के दौरान कहा है कि ये एक राष्ट्रीय स्तर का मामला है। जिसके लिए आपसी सहमति होनी जरूरी है। कोर्ट की ओर से दिल्ली के बॉर्डर और देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की एक लिस्ट मांगी गई है। जिससे कोर्ट को इस बात का पता चल सके कि आखिर बात किसके साथ होनी है।
सुप्रीम कोर्ट में आज डीएमके (DMK) के तिरुचि सिवा, आरजेडी (RJD) के मनोज झा और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के राकेश वैष्णव की अर्जी पर सुनवाई है। इन तीनों नेताओं ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है।
किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार को संसद में ये कानून पारित करने से पहले किसानों और अन्य की एक समिति गठित करनी चाहिए थी और फिर बात कर इस बिल को तैयार करना चाहिए था।
राष्ट्रीय किसान मजदूर सभा के नेता अभिमन्यु कहार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक नई समिति गठित किया जाना इस समस्या का कोई समाधान नहीं है।
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