किसान नेता बूटा सिंह ने कहा- कृषि कानून रद्द नहीं होता है तो हम रेलवे ट्रैक को ब्लॉक करेंगे
कृषि कानून रद्द नहीं होता है तो हम रेलवे ट्रैक को ब्लॉक करेंगे
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं। इस कानून को रद्द करने की मांग किसान लगातार सरकार से कर रहे है। अभी तक आंदोलनकारी किसान नेताओं की बात केन्द्र सरकार से छह बार हो चुकी है लेकिन वो वार्ता विफल रही। वहीं अब किसानों के नता बूटा सिंह ने सरकार को नई चेतावनी दी है।
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गुरुवार को उन्होंने कहा कि हमने 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारी बात नहीं मानते हैं और कानून को रद्द नहीं करते हैं तो हम रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर देंगे। आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत के सभी लोग पटरियों पर उतरेंगे। किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि संयुक्ता किसान मंच एक तारीख तय करेगा और घोषणा करेगा।
कृषि
मंत्री
नरेंद्र
सिंह
तोमर
ने
बोली
ये
बात
बता
दें
केंद्रीय
कृषि
मंत्री
नरेंद्र
सिंह
तोमर
ने
किसान
नेताओं
से
अपील
की
है
कि
वे
तीन
नए
कृषि
कानूनों
में
संशोधन
करने
के
सरकार
के
प्रस्ताव
पर
पुनर्विचार
करें
और
सरकार
के
प्रस्ताव
को
खारिज
करने
के
एक
दिन
बाद
बातचीत
के
अगले
दौर
की
तारीख
तय
करें।
उन्होंने
कहा
सरकार
नए
कानूनों
में
किसी
भी
प्रावधान
पर
खुले
दिमाग
से
विचार
करने
के
लिए
तैयार
है,
जहां
किसानों
के
पास
कोई
भी
मुद्दा
है
और
हम
उनकी
सभी
आशंकाओं
को
स्पष्ट
करना
चाहते
हैं
...
हम
किसानों
के
नेताओं
से
उनकी
चिंताओं
को
दूर
करने
के
लिए
सुझाव
का
इंतजार
करते
रहे,
लेकिन
वे
इस
पर
अड़े
हुए
हैं।
कानूनों
को
निरस्त
करते
हुए,
"तोमर
ने
एक
संवाददाता
सम्मेलन
में
कहा,
जबकि
लगभग
दो
दशकों
से
राष्ट्रीय
राजधानी
की
विभिन्न
सीमाओं
पर
हजारों
किसान
विरोध
प्रदर्शन
कर
रहे
हैं।
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