मशहूर लेखिका कृष्णा सोबती को मिलेगा इस साल का ज्ञानपीठ पुरस्कार
इस साल के ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए हिन्दी की लेखिका कृष्णा सोबती को चुना गया है। ज्ञानपीठ पुरस्कार देश में साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है।
नई दिल्ली। इस साल के ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए हिन्दी की लेखिका कृष्णा सोबती को चुना गया है। ज्ञानपीठ पुरस्कार देश में साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है। ज्ञानपीठ के निदेशक लीलाधर मंडलोई ने बताया कि 53वें ज्ञानपीठ पुरस्कतार के लिए मशहूर लेखिका कृष्णा सोबती हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए दिया जाएगा।
पुरस्कार समिति की बैठक में उनके नाम पर निर्णय लिया गया है। पुरस्कार के तौर पर कृष्णा सोबती को प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और 11 लाख रुपये दिए जाएंगे। कृष्णा सोबती ने जिंदगीनामा, मित्रों मरजानी, जैनी मेहरबान और ऐ लड़की समय सरगम जैसी नॉवल्स लिखे हैं।
जिंदगीनामा के लिए सोबती को 1980 में साहित्य अकादमी अवॉर्ड से नवाजा गया था। 1996 में उन्हें साहित्य अकादमी फैलोशिप भी दी गई थी। साल 2015 में कृष्णा सोबती ने अपने दोनों ही अवॉर्ड 'अवॉर्ड वापसी' के तहत सरकार को लौटा दिए थे। भारत सरकार 2010 में उन्हें पद्म भूषण का सम्मान भी देने वाले थे जिसे उन्होंने लेने से इनकार कर दिया था।