Satya Paul: मशहूर फैशन डिजाइनर सत्य पॉल का निधन, 'सद्गुरु' ने ट्वीट कर दी जानकारी
नई दिल्ली। फैशन डिजाइनिंग की दुनिया का बड़ा नाम सत्य पॉल (Satya Paul) अब हमारे बीच नहीं हैं। गुरुवार को सत्य पॉल का 79 साल की उम्र में तमिलनाडु के कोयंबटूर (Coimbatore) में निधन हो गया। ईशा योग केंद्र के संस्थापक सद्गुरु ने ट्वीट कर मशहूर फैशन डिजाइनर सत्य पॉल के निधन की जानकारी दी। दिसंबर में सत्य पॉल को स्ट्रोक का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वह ईशा योग सेंटर में चले गए थे। इस बीच 6 जनवरी को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
सद्गुरु ने ट्वीट कर दी निधन की खबर
सत्य पॉल (Satya Paul passes away) के निधन की खबर देते हुए ईशा योग सेंटर के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev) ने ट्वीट में लिखा, 'सत्य पॉल, जोशीले उत्साह और अविश्वसनीय भागीदारी के साथ जीने का एक चमकता उदाहरण थे, भारतीय फैशन उद्योग में सत्य पॉल द्वारा लाया गया विशिष्ट दृष्टिकोण उनके लिए सच्ची और सुंदर श्रद्धांजलि है। हमारे बीच आपका होना सौभाग्य की बात है। संवेदना और आशीर्वाद।'
बेटे ने बताया- दिसंबर में आया था स्ट्रोक
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सत्य पॉल को दिसंबर में स्ट्रोक का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उनकी सेहत में सुधार दिखाई देने लगा था। सत्य पॉल के बेटे पुनीत नंदा ने बताया कि उन्हें 2 दिसंबर को दौरा पड़ा और अस्पताल में वह धीरे-धीरे ठीक हो रहे थे। उनकी हमेशा से एक ही इच्छा रही थी कि उन सभी चीजों को हासिल किया जाए जिनकी निगरानी की जा रही थी।
2015 से ही ईशा योग सेंटर में रह रहे थे सत्य पॉल
बता दें कि सत्य पॉल साल 2015 से ही ईशा योग सेंटर में रह रहे थे, अस्पताल से ठीक होने के बाद उन्हें वापस वहीं भेज दिया गया था। सत्या पॉल के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई है, सोशल मीडिया अकाउंट पर सत्या पॉल के कई फेमस फोटोज को शेयर किया गया है। इसके साथ ही कैप्शन में लिखा है, 'हमारे संस्थापक सत्य पॉल 1942-2021 की सुंदर और प्रेरक यात्रा का जश्न मनाते हुए।'
डिजाइनर से अधिक साधक थे पिता- पुनीत
सत्य पॉल के बेटे पुनीत नंदा ने बताया कि ज्यादातर लोगों को पता नहीं था कि उनके पिता डिजाइनर या एक उद्यमी से अधिक एक साधक थे। 70 के दशक में फैशन डिजाइनर सत्य पॉल के भीतर आध्यात्म की यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने दार्शनिक जे कृष्णमूर्ति की वार्ता में हिस्सा लिया। इसके बाद वह ओशो के मार्गदर्शन पर चले और 1990 में ओशो के चले जाने के बाद उन्हें 2007 में सद्गुरु मिले, हालांकि उन्हें दूसरे गुरू की तलाश नहीं थी लेकिन सत्य पॉल सद्गुरु से काफी प्रभावित थे, आखिरकार 2015 में यहां चले आए।
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