दिल्ली वालों को महंगी बिजली का 'झटका', PPAC में 4% की बढ़ोतरी के साथ बढ़ा बिजली का बिल
नई दिल्ली, 11 जुलाई: दिल्ली में बिजली की लागत जून के मध्य से उपभोक्ताओं पर बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) में 4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ बढ़ गई है। बिजली विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) ने दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) की मंजूरी के बाद कोयले और गैस जैसे ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण बढ़ोतरी की है। हालांकि, इस संबंध में डीईआरसी की फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।अब पीपीएसी में हुई बढ़ोतरी के कारण बिजली बिल में 2 से 6 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।
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बता दें, पीपीएसी बाजार संचालित ईंधन लागत में भिन्नता के लिए डिस्कॉम को क्षतिपूर्ति करने के लिए एक अधिभार है। अधिकारियों के मुताबिक, यह कुल ऊर्जा लागत और बिजली बिल के फिक्स्ड चार्ज घटक पर अधिभार के रूप में लागू होता है। मीडिया रिपोर्ट्स में आधिकारिक सूत्र के हवाले से लिखा गया है, ''डीईआरसी की मंजूरी के मुताबिक दिल्ली में पीपीएसी में 11 जून से 4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।''
डिस्कॉम के एक अधिकारी ने कहा, ''9 नवंबर, 2021 को बिजली मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक राज्य नियामक आयोग (दिल्ली के मामले में डीईआरसी) को बिजली क्षेत्र की व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए टैरिफ में ईंधन और बिजली खरीद लागत के स्वत: पास के लिए एक तंत्र रखना होगा।" उन्होंने कहा कि 25 से ज्यादा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने ईंधन अधिभार समायोजन फॉर्मूला लागू किया है। पीपीएसी विद्युत अधिनियम, डीईआरसी के अपने टैरिफ आदेशों और विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) के आदेशों के तहत एक आवश्यकता है। केंद्रीय नियामक आयोग, सीईआरसी मासिक आधार पर एनटीपीसी, एनएचपीसी और ट्रैंकोस, पीपीएसी जैसे केंद्रीय पीएसयू जेनकोस को अनुमति देता है। वहीं, दूसरी ओर दिल्ली डिस्कॉम को तीन महीने के आधार पर पीपीएसी की परमिशन है।
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अधिकारी ने कहा कि पीपीएसी ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को ऑफसेट करने के लिए लगाया जाता है। नवीनतम उदाहरण में पीपीएसी को बढ़ाने का निर्णय आयातित कोयले के सम्मिश्रण, गैस की कीमतों में बढ़ोतरी और बिजली एक्सचेंजों में उच्च कीमतों पर आधारित है, जो सीईआरसी द्वारा 12 रुपए प्रति यूनिट तक सीमित होने से पहले लगभग 20 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच गया था।