Congress President Election : राहुल गांधी की NO ! क्या इस बार टूटेगा 24 साल का पारिवारिक तिलिस्म ?
कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। राहुल गांधी के इनकार के बाद अगला कांग्रेस प्रमुख कौन होगा ? Election for Congress President Rahul Gandhi sonia gandhi or any new face
नई दिल्ली, 20 अगस्त : कांग्रेस का अध्यक्ष एक महीने के भीतर चुना जाना है। हालांकि, कांग्रेस का अगला प्रमुख कौन होगा, इस पर गतिरोध बरकरार है। राहुल गांधी के इनकार के बाद कौन कांग्रेस अध्यक्ष बनेगा ? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं। कांग्रेस के नेता राहुल को चुनाव लड़ने के लिए राजी करने में सफल नहीं रहे हैं, इस बात के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस कह चुकी है कि 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच पूर्णकालिक कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव करा लिया जाएगा, ऐसे में चुनावी सप्ताह में भी किसी कांग्रेसी के पास इस बात का जवाब नहीं है कि अगला कांग्रेस प्रमुख कौन बनेगा ?
राहुल को राजी करने का हर प्रयास नाकाम
कांग्रेस अध्यक्ष पद राहुल गांधी स्वीकार नहीं करेंगे। इस संबंध में एनडीटीवी डॉट कॉम ने सूत्रों के हवाले से कहा, राहुल गांधी को अध्यक्ष की भूमिका स्वीकार करने के लिए प्रेरित करने का हरसंभव प्रयास किया गया, लेकिन नवीनतम प्रयास भी निष्फल रहा। बता दें कि राहुल ने 2019 के आम चुनाव में मिली हार के बाद इस्तीफा दिया था। उन्होंने गैर कांग्रेसी नेता के अध्यक्ष बनने की वकालत भी की है। कांग्रेस सदस्यों की अपील को ठुकराते हुए, राहुल 2019 से ही अध्यक्ष न बनने के फैसले पर अडिग हैं।
137 साल पुराना संगठन
सोनिया गांधी ने भी अपने स्वास्थ्य के कारण कांग्रेस प्रमुख के रूप में अगला कार्यकाल स्वीकार करने से इनकार किया है। खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि सोनिया-राहुल के बाद कांग्रेस नेताओं का फोकस प्रियंका गांधी वाड्रा पर है। प्रियंका पर ध्यान केंद्रित होने का कारण 137 वर्ष पुराने संगठन के अधिकांश सदस्यों का गांधी परिवार के प्रति समर्पण बताया जा रहा है।
गांधी परिवार के ईर्द-गिर्द
कांग्रेस के तमाम नेता अभी भी गांधी परिवार के इर्द-गिर्द रहने के इच्छुक हैं। हालांकि, इस साल के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रियंका और राहुल का शर्मनाक रिकॉर्ड भी कई लोगों के दिमाग में है। ऐसे में आम सहमति के अभाव में कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के कार्यक्रम पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि, पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में गतिरोध पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
कांग्रेसी दिग्गज भक्त चरण दास ने क्या बताया
रविवार से शुरू होने वाले कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के संबंध में एनडीटीवी डॉटकॉम की रिपोर्ट में कांग्रेस के दिग्गज नेता भक्त चरण दास के हवाले से कहा गया, उन्होंने (राहुल गांधी) कहा है कि उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन हम उन पर काम कर रहे हैं और उनसे कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभालने का अनुरोध कर रहे हैं। दास ने कहा, "राहुल गांधी को हमें बताना होगा कि अध्यक्ष पद कैसे भरा जाएगा।"
भारत जोड़ो यात्रा के अगुवा राहुल
राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व करने के लिए सितंबर में एक विशाल रैली का फैसला लिया है। राहुल कन्याकुमारी से "भारत जोड़ो यात्रा" शुरू करेंगे। इस पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "हां, हम एक रैली का आयोजन कर रहे हैं। राहुल गांधी नेतृत्व करेंगे।" कांग्रेस प्रेसिडेंट इलेक्शन पर हुड्डा ने कहा, हम कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर आश्वस्त नहीं हैं।
भंवर में कांग्रेस की कश्ती
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व संकट वर्षों से बरकरार है। लगातार चुनावी हार और हाई-प्रोफाइल नेताओं के कांग्रेस छोड़ने के कारण कांग्रेस भंवर में फंसती जा रही है। सियासी समीक्षकों के अनुसार मझधार से निकलने के बजाय कांग्रेस की स्थिति और खराब हो गई है।
24 साल पहले बना गैर कांग्रेसी अध्यक्ष
बता दें कि विगत मार्च में, सोनिया गांधी ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई थी। बैठक के दौरान सोनिया ने अपने भाषण में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया को चुनाव तक कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने के लिए राजी कर लिया था। यह भी दिलचस्प है कि पिछली बार लगभग 24 साल पहले कांग्रेस में गैर-गांधी अध्यक्ष चुना गया था। 1998 में सीताराम केसरी कांग्रेस अध्यक्ष बने थे।
कांग्रेस में जी 23 समूह की बातें खारिज
मार्च की बैठक के बाद गत मई में राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस की मेगा बैठक हुई। इसमें कांग्रेस ने पुनरुद्धार के लिए विस्तृत रणनीतियों पर चर्चा की। कांग्रेस में नए प्रमुख के लिए चुनाव की समयबद्ध प्रतिबद्धता तय हुई। कांग्रेस के असंतुष्ट गुट के रूप में सुर्खियां बटोरने वाले जी -23 समूह ने आमूल-चूल परिवर्तन की बात कही, लेकिन 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कराने का ऐलान हुआ, जिससे जी-23 की बातें खारिज कर दी गईं।
कांग्रेस को 10 साल में 103 सीटें ?
गौरतलब है कि जो कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाएगा, उसके सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा की कठिन चुनौती होगी। 2024 के लोक सभा चुनावों में नए कांग्रेस प्रमुख के सामने बीजेपी को मात देना या विपक्ष को संगठित करना सबसे कठिन चुनौती होगी। कांग्रेस को पिछले दो लोक सभा चुनाव में करारी मात मिली है। 2014 में कांग्रेस को 543 में महज 50, जबकि 2019 में कुछ अधिक सीटों पर (53 लोक सभा सांसद) जीत मिली।