चुनाव आयोग ने की हाईकोर्ट से मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की अपील, कहा- छवि हो रही धूमिल
नई दिल्ली, अप्रैल 30: मद्रास हाई कोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर के लिए सिर्फ चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही आयोग के अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज होने तक की बात कही थी। हालांकि इस फटकार के बाद चुनाव आयोग ने 2 मई को होने वाली मतगणना के लिए कोरोना गाइडलाइन तैयार करते हुए काउंटिंग के बाद विजय जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया। वहीं अब चुनाव आयोग ने मद्रास हाई कोर्ट से मीडिया की रिपोर्टिंग रोकने के लिए अनुरोध किया है।
चुनाव आयोग ने अपनी याचिका में कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय की मौखिक टिप्पणियों की मीडिया रिपोर्टों से व्यथित है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इन रिपोर्ट्स ने चुनाव आयोग की छवि को एक स्वतंत्र संवैधानिक एजेंसी के रूप में धूमिल कर दिया है, जिसे चुनाव संचालन की संवैधानिक जिम्मेदारी सौंपी गई है। चुनाव आयोग ने बताया कि पिछले कुछ समय से कोर्ट की खबरों को मीडिया में लगातार दिखाया जा रहा है, जो चुनाव आयोग की छवि को धक्का लग रहा है।
कोरोना पर चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, 2 मई को मतगणना के दिन या उसके बाद विजय जुलूसों पर लगाया प्रतिबंध
बता दें कि सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग पर टिप्पणी की थी कि आपकी संस्था COVID-19 की दूसरी लहर के लिए अकेले जिम्मेदार है। आपके अधिकारियों पर हत्या के आरोपों को केस दर्ज किया जाना चाहिए। वहीं अब चुनाव आयोग ने कहा कि कि सबसे अधिक मामलों वाले राज्यों में कोई चुनाव नहीं हुए जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और दिल्ली। चुनाव आयोग में याचिका में कहा कि इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि चुनाव आयोग 'कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए अकेले जिम्मेदार है' और न ही चुनाव आयोग के अधिकारियों को किसी भी तरह से दोषी माना जा सकता है।