पश्चिम बंगाल चुनाव में कोरोना विस्फोट से चुनाव आयोग ने लिया सबक, 15 जनवरी तक चुनावी रैलियों पर रोक
नई दिल्ली, 09 जनवरी। देश में इस बार भी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव उतने ही चरण में होंगे जितने 2017 में हुए हैं। लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाते हुए कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सभी तरह के रोड शो, रैली आदि पर 15 जनवरी तक प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों ने रोड शो और रैलियां की थी जिसके बाद पश्चिम बंगाल में कोरोना के काफी मामले सामने आए थे, यही वजह है कि इस बार पांचों विधानसभा चुनाव में रोड शो और रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि जैसा की हम जानते हैं कोरोना संक्रमण के मामले घटते और बढ़ते रहते हैं, हमे नहीं पता है कि कब मामले घटेंगे या बढ़ेंगे इसलिए 15 जनवरी तक के लिए रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सुशील चंद्रा ने कहा कि चुनाव में खर्च की सीमा को बढ़ा दिया गया है क्योंकि राजनीतिक दलों को डिजिटल चुनाव प्रचार करना होगा, दलों को सुझाव दिया गया है कि वह मोबाइल फोन और वर्चुअल माध्यम से चुनाव प्रचार करेंगे बजाए रैली या रोड शो के। इसकी मॉनिटरिंग राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग और केंद्रीय पर्यवेक्षक करेंगे।
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गौर करने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश में 2017 में सात चरण में चुनाव हुए थे उसी तरह 2022 में भी सात चरण में मतदान होंगे। 10 फरवरी से 7 मार्च तक उत्तर प्रदेश में 7 चरण में चुनाव होंगे। वहीं मणिपुर में दो चरण में 27 फरवरी और 3 मार्च को चुनाव होंगे। उत्तराखंड, गोवा और पंजाब में एक ही चरण में एक ही दिन 14 फरवरी को चुनाव होंगे। जबकि पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी चुनाव अधिकारी और कर्मचारी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लें और सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें। कई हेल्थ एक्सपर्ट ने अंदेशा जताया है कि जनवरी के अंत में या फिर फरवरी की शुरुआत में कोरोना के मामले काफी बढ़ सकत हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जिन जगहों पर मतदान होना है वहां पर टीकाकरण को बढ़ाया जाएगा। अभी तक 53 फीसदी यूपी की आबादी जोकि वैक्सीन लेने के लिए योग्य है उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है, जबकि मणिपुर और पंजाब में 44 फीसदी वैक्सीन के योग्य लोगों को दोना वैक्सीन की डोज लग चुकी है।
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