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चना-मटर के दानों में मोदी-प्रियंका को आ रहा है राजनीति का स्वाद

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नई दिल्ली, 11 फरवरी। जय किसान ! जय किसान ! नेता इस नारे को प्रतीकों के माध्यम से प्रदर्शित कर रहे हैं। छह दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ कर चने के खेत में हरा दाना खाया था। पांच दिन बाद प्रियंका गांधी ने मटर तोड़ महिलाओं के साथ खेत में बैठ कर गुफ्तगू की। मटर के दाने खाये। उनकी खैरियत पूछी।

election-2022 pm narendra modi take chana where priyana gandhi reached pea field

पीएम मोदी को हरा चना पसंद है। सर्दियों में हरा चना बहुत फायदेमंद है। इसमें प्रोटीन है, जिससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट भी है जिससे इन्युनिटी मजबूत होती है। इसमें विटामिन बी9 और फोलेट होता है। फोलेट तनाव से लड़ने में मदद करता है। प्रियंका गांधी को मटर पनीर की सब्जी पसंद है। वे 2020 में जब बनारस के संत रविदास मंदिर आयी थीं तब पंगत में बैठ कर बड़े चाव से मटर-पनीर की सब्जी और रोटी खायी थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में खेती- किसानी बहुत बड़ा मुद्दा है। खेती से जुड़े लोगों को लुभाने के लिए नेता तरह-तरह के उपक्रम कर रहे हैं।

मटर के दानों में राजनीतिक का स्वाद

मटर के दानों में राजनीतिक का स्वाद

गुरुवार को प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार के लिए रामपुर (उत्तर प्रदेश) पहुंची थीं। उनका काफिला बगड़खा मझरा गांव से गुजर रहा था। सड़क के किनारे एक खेत में महिलाएं मटर तोड़ रही थीं। यह देख कर प्रियंका गांधी ने अपने ड्राइवर को कार रोकने के लिए कहा। वे सड़क से नीचे उतर कर खेत में पहुंची। महिलाएं मटर की छिमियां तोड़ कर एक बोरे में रख रहीं थीं। प्रियंका गांधी बोरे के पास पहुंची। उन्होंने बोरे से मटर की एक छिमी उठायी और दाने निकाल कर मुंह में डाल लिये। खेत में काम रहे एक व्यक्ति वे उन्हें पहचान लिया। उसने खेत की हरी लत्तरों पर अपना गमछा बिछा दिया और आदर के साथ प्रियंका गांधी को वहां बैठने का संकेत किया। प्रियंका खेत में बैठ गयीं तो वहां काम करने वाली महिलाएं जमा हो गयीं। उन्होंने मेलजोल बढ़ाने के लिए एक लड़की के साथ हंसी-ठिठोली भी की। फिर उन्होंने कहा, मैं जानती हूं कि महिलाएं कितना बोझ उठाती हैं। आप खेत से मटर तोड़ कर घर जाओगे। फिर रोटी बनाओगे। मवेशी की सेवा करोगे। फिर साफ-सफाई करोगे। कितनी महंगाई बढ़ गयी है ? सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं को होती है। उनके सामने सवाल होता है कि महंगाई में घर गृहस्थी कैसे चालाएंगी ? प्रियंका गांधी की इन बातों का मतलब महिलाएं समझ रही हैं। एक महिला जो फ्रेम में नहीं है, उसकी आवाज आती है, वोट के चक्कर में आयी हैं ये...। फिर प्रियंका गांधी के सामने बैठी औरतें कहने लगती है, नेता हर साल आते हैं। बड़ी-बड़ी बाते कहते हैं। वे वोट लेकर चले जाते हैं और हम गरीब वहीं के वहीं रह जाते हैं। तब प्रियंका गांधी अपनी पार्टी की घोषणाओं के बारे में बताती हैं। फिर वे महिलाओं से कहती हैं, आप में क्षमता है। आप राजनीति बदल सकती हैं।

2013 में धनकटनी की थी प्रियंका ने

2013 में धनकटनी की थी प्रियंका ने

प्रियंका गांधी 2013 में अपनी मां के संसदीय क्षेत्र रायबरेली गयी हुईं थीं। नवम्बर का महीना था। धन की कटनी चल रही थी। उनका काफिला धौकलगंज गांव से गुजर रहा था। खेत में महिलाएं धान काट रही थीं। यह देख कर उन्होंने अपनी कार रोक दी। वे खेत में पहुंचीं। धनकटनी कर रही महिलाएं अचानक प्रियंका गांधी को देख कर हैरान रह गयीं। फिर प्रियंका ने धान काटने के तरीके के बारे में जाना। कैसे हंसुआ चलाया जाता है, यह गौर से देखा। फिर अपने हाथ मं हंसुआ लेकर वे खुद धान काटने लगीं थीं। तब उन्होंने सोनिया गांधी की जीत के लिए ऐसा किया था। लेकिन नौ साल बाद जब उनकी खुद की राजनीतिक साख दांव पर लगी हुई तब वे मटर से अपने वोटरों को मोटिवेट कर रही हैं।

हरा चना खाने खेत में पहुंच गये पीएम मोदी

हरा चना खाने खेत में पहुंच गये पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 फरवरी को स्टैचू ऑफ इक्वेलिटी का लोकार्पण करने हैदराबाद गये थे। उन्हें इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सेमी एरिड ट्रॉप्किस के गोल्डन जुबली कार्यक्रम में भी शामिल होना था। हैदराबाद एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उनका काफिला सड़क मार्ग से हैदराबाद की ओर रवाना हुआ। एयरपोर्ट से शहर की दूरी करीब 22 किलोमीटर है। जब पीएम मोदी का काफिला सड़क से गुजर रहा था तब उन्होंने खेतों में लगी चना की फसल देखी। उन्होंने अपनी कार को रुकने का संकेत दिया। वे प्रोटोकॉल तोड़ कर खेत में पहुंच गये। उन्होंने चना की कुछ फलियां तोड़ी। उससे दाने निकाले और मुंह में डाल लिया। जब वे हैदराबाद के कृषि अनुसंधान के केन्द्र में पहुंचे तो वहां ज्वार के खेत में घूमने लगे। कृषि वैज्ञानिकों ने यहां एक उन्नत किस्म के ज्वार की प्रजाति उगायी है। पीएम मोदी ने फसल की बालियों को नजदीक से निहारा।

खेतों की क्यारी से निकलेगा सत्ता का गलियारा

खेतों की क्यारी से निकलेगा सत्ता का गलियारा

विधानसभा चुनाव के बीच प्रधाननमंत्री मोदी और प्रियंका गांधी खेत में उतरे। दोनों की तस्वीरें सोशल मीडिया में चर्चा का विषय रहीं। लोगों ने इस संबंध में अपनी अलग-अलग राय रखी। कुछ लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के बीच अपनी अपनी छवि बनाने के लिए ऐसा किया। वे किसान आंदोलन से हुए राजनीतिक नुकसान को कम करने के लिए प्रतीकों का सहारा ले रहे हैं। जब कि कुछ लोगों ने पीएम मोदी की सादगी की तारीफ की है। प्रियंका गांधी के बारे में भी लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों का कहना है कि वे सभी वर्ग की महिला वोटरों को गोलबंद करने के लिए ऐसा कर रहीं हैं। इस चुनाव में उन्होंने महिला वोटरों की उम्मीद पर ही अपना दांव खेला है। जाहिर है वो हर मुकिन कोशिश कर रही हैं।

यह भी पढ़ें: प्रियंका गांधी के रोड शो में महिलाओं ने नारी शक्ति का कराया अहसास, बोलीं 'लड़की हूं लड़ सकती हूं'

English summary
election-2022 pm narendra modi take chana where priyana gandhi reached pea field
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