RJD के पोस्टर से क्या जानबूझकर गायब हुए लालू-राबड़ी?
नई दिल्ली- बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल इस बार बदले अंदाज में चुनाव मैदान में है। तस्वीरों से लालू-राबड़ी गायब हैं और उनकी जगह अकेले तेजस्वी यादव ने ले लिया है। यह बात अलग है कि पार्टी की इस रणनीति से चुनावों में उसपर क्या असर पड़ेगा? लेकिन, यह सवाल जरूर है कि क्या पोस्टर जानबूझकर गायब हुए हैं और यदि हां तो फिर क्यों? इस मामले पर बिहार में आरजेडी-विरोधी पार्टियां अपने हिसाब से लालू की पार्टी पर हमले कर रही है तो राजद यह साबित करने पर तुली हुई है कि असल में यह युवा पीढ़ी के हाथों में कमान सौंपने का वक्त है और यह पार्टी अभी उसी दौर से गुजर रही है।
तीन दशकों से ज्यादा वक्त बाद 'किनारे' हुए लालू
बिहार विधानसभा चुनाव में तीन दशकों से भी ज्यादा समय बाद ऐसा हो रहा है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव चुनाव पोस्टरों से लगभग गायब कर दिए गए हैं। वीपी सिंह और चौधरी देवीलाल के जमाने के जनता दल से लेकर अपनी आरजेडी के जमाने तक इन वर्षों में लालू जहां भी रहे, बिहार में पार्टी के मुख्य 'पोस्टर ब्वॉय' बने रहे। लेकिन, इस बार खुद उनकी ही पार्टी और अपने ही बच्चों ने उन्हें चुनाव पोस्टरों और बड़े होर्डिंग्स से गायब कर दिया है। यही नहीं, जब लालू यादव चारा घोटाले में पहली बार जेल जा रहे थे तो अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप कर गए थे। उसके बाद लालू के साथ-साथ पार्टी की तस्वीरों में राबड़ी को भी प्रमुखता मिलने लगी। उन्हीं दोनों के चेहरों पर वोट बटोरे जाते रहे। लेकिन, इस चुनाव में अचानक ऐसा क्या हो गया कि लालू-राबड़ी दोनों सीन से गायब हो चुके हैं ? उनकी जगह पर उनके छोटे बेटे और पार्टी नेता तेजस्वी यादव की तस्वीरों को ही प्रमुखता मिल रही है। यहां तक कि पटना में वीर चंद पटेल मार्ग स्थित पार्टी के दफ्तर पर लगाए गए होर्डिंग का भी यही हाल है।
जानबूझकर गायब करवाए लालू-राबड़ी के पोस्टर?
आरजेडी के पोस्टर से लालू-राबड़ी का गायब होना विरोधियों को हैरान नहीं करता। मसलन, आरजेडी के पोस्टर से उनके गायब रहने को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है, 'अब वह जेल में हैं। इस शर्म की वजह से तेजस्वी यादव ने लालू यादव को किनारे करना शुरू कर दिया है। जनता सब देख रही है। कई मौकों पर तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के 15 साल के कुशासन पर माफी मांगकर गुमराह करने की कोशिश की है। अब तस्वीरों को गायब करने की चाल चलकर जनता को धोखा नहीं दिया जा सकता।'
खुद को बड़ा दिखाकर तेजस्वी ने की गलती-जेडीयू
बीजेपी की सहयोगी और सत्ताधारी पार्टी जेडीयू तो लालू की तस्वीरों के गायब होने के बहाने आरजेडी पर और भी तीखे हमले कर रही है। पार्टी का कहना है कि आरजेडी के 'जंगल-राज' वाली विरासत से जनता ही नहीं डरती है, बल्कि तेजस्वी यादव भी डरते हैं। हालांकि, लगे हाथ वो तेजस्वी यादव की खिंचाई करते भी देर नहीं लगाते। पार्टी नेता राजीव रंजन कहते हैं, 'कम से कम लालू यादव ऐसे राजनेता तो थे जिन्होंने बड़ा बनने के लिए संघर्ष किया। वह भ्रष्टाचार के शिकार हुए और बिहार की जनता ने उन्हें खारिज कर दिया। तेजस्वी यादव की क्या पहचान है? तेजस्वी यादव ने पोस्टर पर खुद को बड़ा दिखाकर बहुत बड़ी गलती की है। इस कदम से सत्ता में वापसी का आरजेडी का सपना फिर टूट जाएगा।'
युवाओं को कमान सौंपने की कवायद-राजद
ऐसा नहीं है कि तेजस्वी की पार्टी ने चुनावी तस्वीरों से पिता को पूरी तरह गायब किया है। लेकिन, अगर इक्का-दुक्का तस्वीरों में लालू दिख भी जाते हैं तो उन्हें इतिहास की तरह पेश करने की कोशिश नजर आती है। ये उस तरह के पोस्टर हैं जिसमें तेजस्वी के अलावा उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव भी जगह बनाने में कामयाब हो रहे लगते हैं। लेकिन, आरजेडी की दलील है असल में यह 'युवा ब्रिगेड' के हाथों में कमान सौंपने की शुरुआत है। पार्टी नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं, 'यह तेजस्वी यादव का कमरा नहीं है, जहां से उनके माता-पिता की तस्वीरें गायब हुई हैं, जिसे विरोधी मुद्दा बनाएं। यह युवा ब्रिगेड को आगे आने देने का समय है। लालू की आरजेडी तेजस्वी के नेतृत्व में विकास कर रही है। हमने लालू यादव को पोस्टरों से नहीं हटाया है। कुछ पोस्टर में उनकी तस्वीरें मौजूद हैं और बाकियों में नहीं हैं।'
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