देवरिया: अतीक अहमद ने जेल में नहीं की मारपीट- जेल सुप्रीटेंडेंट
नई दिल्ली। देवरिया की जेल में जिस तरह से बाहुबली अतीक अहमद पर जेल के भीतर ही व्यापारी के साथ मारपीट का आरोप लगा उसके बाद हड़कंप मच गया और जेल व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया। लेकिन इस मामले में अब खुद देवरिया जेल के सुप्रीटेंडेंट डीके पांडे ने सफाई दी है। पांडे ने कहा कि जेल के भीतर इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है, यह जानकारी पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि हमे जेल के भीतर इस तरह की मारपीट की कोई शिकायत नहीं मिली थी।
आरोप बेबुनियाद
मामला सामने आने के बाद लखनऊ के कृष्णानगर थाने में अतीक अहमद सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमे 10-12 अज्ञात लोगों के नाम भी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार मोहित जायसवाल ने अहमद को रंगदारी देने से इंकार कर दिया था। इसी के चलते उसकी किडनैपिंग हुई है। मारपीट में मोहित की दो उंगलियां टूट गईं, साथ ही कई जगह चोटें आई हैं। आरोप लगा था कि देवरिया जेल में मोहित को ले जाकर बैरक में पीटा और कनपटी पर पिस्तौल सटाकर उनकी पांच कंपनियों का मालिकाना हक दो युवकों के नाम ट्रांसफर करवा लिया। इसके बाद जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया और गाड़ी भी छीन ली।
पीड़ित ने बताई आपबीती
घटना के बारे में खुद पीड़ित मोहित जयसवाल ने बताया कि यह घटना 26 दिसंबर की है, मुझे जबरन कुछ लोग गोमती नगर से देवरिया जेल ले गए। जहां पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसका बेटा और 20-25 लोग पहले से मौजूद थे। अतीक अहमद ने अपने आदमियों से कहा कि मुझे पीटो। मोहित ने कहा, 'मुझसे कुछ चेक्स, सादे पन्नों और कई कंपनियों के रिजाइन लेटर्स पर जबरदस्ती साइन करवाए गए और मुझे रस्सी से बांधकर जेल में पीटा गया।'
मामला दर्ज
पीड़ित ने बताया, 'मैं मदद के लिए चिल्लाता रहा लेकिन कोई नहीं आया। मैंने एफआईआर दर्ज करवाई है।' पीड़ित ने आपबीती एसएसपी कलानिधि नैथानी को बताई तो उनके निर्देश पर शुक्रवार की रात को कृष्णानगर कोतवाली में अतीक अहमद, उनके बेटे उमर, गुर्गे जकी अहमद, फारूख, गुलाम सरवर और अन्य के खिलाफ अपहरण, लूट, जालसाजी और षड्यंत्र रचने का केस दर्ज किया है।
इसे भी पढ़ें- 2018 में उत्तर प्रदेश की राजनीति, भाजपा की हार, महागठबंधन की उम्मीद और मॉब लिंचिंग