दिल्ली हिंसा: 8वीं में पढ़ने वाला नितिन उस दिन चाऊमीन लेने निकला था, घर से महज 100 कदम की दूरी पर ही...
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के उत्तरी-पूर्वी जिले में भड़की हिंसा में 46 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार को पुलिस ने नाले से तीन शव बरामद किए थे। दिल्ली हिंसा में अब तक 250 से ज्यादा FIR दर्ज की जा चुकी है। पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत 40 से ज्यादा केस दर्ज किए हैं। दिल्ली में भड़की हिंसा के दौरान दंगाइयों ने बच्चों से लेकर बूढ़ों सभी को निशाना बनाया। उस दिन कक्षा 8 का छात्र नितिन भी दंगाइयों का निशाना बन गया।
घर से महज 100 कदम दूरी पर था नितिन
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, नितिन के पिता राम सुगारक कहते हैं, 'बुधवार दोपहर 2.30 बजे नितिन अपने घर से बाहर चाऊमीन खरीदने गया था। गोकुलपुरी इलाके में वह जगह घर से महज 100 कदम दूरी पर थी।' राम सुगारक के मुताबिक, 'उस वक्त तक इस इलाके में हिंसा की कोई घटना नहीं हो हुई थी। लेकिन जैसे ही नितिन घर से बाहर निकला, उसी वक्त इलाके में हिंसा भड़क गई। चारों तरफ पथराव होने लगा, गोलियां चलने लगी और आंसू गैस के गोले छोड़े जाने लगे।'
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15 साल का नितिन हुआ हिंसा शिकार
उन्होंने आगे बताया, 'करीब आधे घंटे के बाद कॉल आई कि नितिन कहीं नहीं मिल रहा है।' इसके बाद वह घर आए और नितिन की तलाश शुरू कर दी लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद स्थानीय लोगों ने उनको बताया कि पुलिस नितिन को जीटीबी अस्पताल ले गई है। राम सुगारक बताते हैं, 'जब मैं अस्पताल पहुंचा तो देखा कि नितिन के सिर पर गहरी चोट लगी थी और बहुत खून निकल रहा था लेकिन वह जिंदा था, उसकी सांसें चल रही थीं।' शायद उसके सिर पर पत्थर लगा था या फिर आंसू गैस के शेल लेकिन जो भी था उसने नितिन की जान ले ली।
चाऊमीन लेने निकला था नितिन
वो बताते हैं, 'डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन नितिन ने अस्पताल ले जाने के करीब 3-4 घंटे बाद दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रशासन ने शनिवार को नितिन के परिवार वालों को उसका शव सौंपा। नितिन की उम्र केवल 15 साल थी और वह गोकुलपुरी के सरकारी स्कूल में कक्षा 8 में पढ़ता था। बता दें कि उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के मामले में अब तक 900 से अधिक लोगों को हिरासत में या गिरफ्तार किया गया है। इस हिंसा में मरने वालों में आईबी अफसर अंकित शर्मा और दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल भी शामिल हैं।