Pollution Report: दिल्ली-एनसीआर में अभी भी हेल्थ इमरजेंसी, AQI 400 पार, लोगों को सांस लेने में परेशानी
नई दिल्ली। दीवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर की हवा में घुली जहर खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। आलम ये है कि दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गई है और नंबर 1 पर है। शुक्रवार की तुलना में शनिवार को हालांकि, वायु गुणवत्ता सूचकांक कम है, लेकिन दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर अब भी बना हुआ है। दिल्ली में शनिवार को भी पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर खतरनाक स्तर पर है। सुबह धूप तो निकली और आसमान भी साफ है, लेकिन लोगों ने आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी की शिकायत भी की है।
अब कुछ राहत मिलने के आसार
एनसीआर में बढ़े प्रदूषण की मुख्य वजह हवाओं की स्पीड में कमी थी। मौसम विभाग के एक अधिकारी की मानें तो शनिवार से सोमवार तक तेज हवाएं चलेंगी, जिससे प्रदूषण के कणों का फैलाव होगा। हालांकि, मंगलवार से दोबारा हालात बिगड़ने के चांस हैं। हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने वाले विभाग 'सफर' का यह भी कहना है कि आने वाले दिनों में पराली जलने की घटनाओं में भी कुछ कमी आएगी। शुक्रवार को हुए प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी 10 प्रतिशत थी जो कि शनिवार तक 5 प्रतिशत पर आ सकती है।
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दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक
शनिवार को भी दिल्ली के लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 500 बना हुआ है। दिल्ली और इससे सटे शहरों में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों ही 400 के पार है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब स्तर में है। इंदिरापुरम में 437, लोनी में 440 और वसुंधरा में 430 है। ये आंकड़े बता रहे हैं कि हालात खतरनाक हैं। दिल्ली के वजीरपुर इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब है यहां पर AQI 437 तो बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में इसका स्तर 458 है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
पलूशन के हाल पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि एयर इंडेक्स 600 के ऊपर है, आखिर लोग सांस कैसे लें? ऑड-ईवन स्कीम पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण से निपटने का यह स्थाई समाधान नहीं हो सकता। कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन योजना आधी-अधूरी है और इस पर अमल अधकचरा है। सिर्फ प्राइवेट कारों पर बंदिश से असर लोअर मिडल क्लास पर ही होता है, क्योंकि अमीरों के पास तमाम (ऑड और ईवन) नंबरों की कारें होती हैं।