
दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ योजना पर रोक से किया इनकार, केंद्र को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
नई दिल्ली, 25 अगस्त: कुछ महीनों पहले मोदी सरकार अग्निपथ योजना लेकर आई थी, जिसके तहत अब सिर्फ 4 साल के लिए जवानों की भर्ती तीनों सेनाओं में की जाएगी। इस योजना को लेकर काफी हंगामा भी हुआ। इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। अब हाईकोर्ट ने याचिकाओं के एक बैच पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। इसके साथ ही कोर्ट ने अभी इस योजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। पीठ ने केंद्र से अग्निपथ योजना की शुरुआत से पहले सशस्त्र बलों में विभिन्न लंबित भर्ती प्रक्रियाओं पर एक अलग उत्तर प्रति दाखिल करने को कहा है।

दरअसल 19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना से जुड़ी कई याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। जब कई सारी यचिकाएं आईं, तो हाईकोर्ट ने उसे कंपाइल कर दिया। जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई। जस्टिस सतीश चंदर शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने गुरुवार को केंद्र से जवाब मांगते हुए अग्निपथ योजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि अगर आप इस केस में सफल होते हैं, तो आपको ये मिल जाएगा। हम अभी इस पर कोई रोक नहीं लगाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से इस मामले को उठाने और इसे जल्दी निपटाने को भी कहा था। दिल्ली के अलावा केरल, पंजाब-हरियाणा, पटना और उत्तराखंड के हाईकोर्ट भी इससे जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं। अग्निपथ से जुड़ी कुछ याचिकाओं में इस योजना को असंवैधानिक और अवैध तक बताया गया।
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क्या है इस योजना में?
आपको बता दें कि टेक्नीकल पदों और अधिकारियों को छोड़कर सामान्य जवानों की भर्ती अब तीनों सेनाओं में अग्निपथ योजना के तहत की जाएगी। इस योजना के तहत जो जवान सेना में जाएंगे, उसमें से 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे। रिटायरमेंट के वक्त उनको एक तय राशि दी जाएगी। वहीं बाकी बचे 25 प्रतिशत जवानों की सेवाएं सामान्य की तरह जारी रहेंगी।