दिल्ली अग्निकांड: फोन के रिंगटोन से फायरमैन ने ऐसे बचाई 10 लोगों की जान
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के अनाज मंडी में रविवार सुबह लगी भीषण आग ने 43 लोगों की जान ले ली। वहीं इस हादसे में कई लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं, सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका उपचार किया जा रहा है। रानी झांसी रोड पर एक फैक्ट्री में लगी इस भीषण आग में कई और लोगों की जान भी जा सकती थी अगर फायर ब्रिगेड के कर्मचारी सुनील कुमार वहां समय पर न पहुंचते। सुनील ने अपनी सूझबूझ से करीब 10 लोगों की जान बचाई।
फायर ब्रिगेड के कर्मचारी ने बचाई कई जिंदगी
फायर ब्रिगेड के कर्मचारी सुनील कुमार ने जो किया उसके लिए हर तरफ से उनकी तारीफ की जा रही है। आग की खबर मिलने पर जब सुनील मौके पर पहुंचे तो उन्हें हर तरफ बस धुआं ही दिखाई दिया। जब वह आग की चपेट में आई इमारत के अंदर पहुंच तो उन्हें कुछ ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन हर तरफ मोबाइल फोन बज रहे थे। दरअसल, आग की खबर मिलते ही मजदूरों के परिजन उन्हें फोन करने लगे थे जिस वजह से उनके रिंगटोन की आवाज सुनील को सुनाई दे रही थी।
फोन के रिंगटोन से लगाया दिशा का पता
धुएं की वजह से कुछ दिखाई न देने के चलते सुनील कुमार ने फोन की आवाज के सहारे दिशा का पता लगाया और इमारत में फंसे मजदूरों के एक-एक करके बाहर निकाला। काफी देर तक फोन बजने से सुनील को अंदाजा हो गया था कि वहां मजदूर बेहोश हो गए हैं उन्हें जल्द बाहर निकालने की जरूरत है। सुनील ने बताया कि अपनी कोशिश से उन्होंने कई लोगों की जान बचा ली अगर फोन की आवाज नहीं आती तो शायद वह मजदूरों के पास नहीं पहुंच पाते।
फायरमैन राजेश शुक्ला ने अकेले बचाई 11 जिंदगी
अनाज मंडी इलाके में धधकती बिल्डिंग में प्रवेश करने वाले पहले फायरमैनों में से एक, दिल्ली फायर सर्विस के कर्मचारी राजेश शुक्ला है। राजेश शुक्ला ने बिल्डिंग में प्रवेश कर 11 लोगों को जिंदा जलने से बचा लिया। बचाव अभियान के दौरान उनके पैर में चोट लग गई और अभी एलएनजेपी अस्पताल उनका इलाज चल रहा है। बता दें कि दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने राजेश शुक्ला से अस्पताल में मुलाकात की।
परिवार के 11 लोगों की गई जान
दिल्ली में हुए इस भयानक घटना ने मोहम्मद कासिम और रुकसाना का पूरा परिवार खत्म कर दिया। बिहार के सहरसा के रहने वाले मोहम्मद कासिम और रुकसाना के आंसू तो थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस घटना में उनके परिवार के 11 लोगों की मौत हो गई। रोते-रोत दोनों का बुरा हाल है। बिल्डिंग में चल रही फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों का परिवार हादसे के बाद से अपनों की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं।
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