आर्कबिशप के खत पर मचा बवाल, बीजेपी नेता ने दे डाली धमकी
नई दिल्ली। दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो की चिट्ठी को लेकर शुरु हुआ थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी नेताओं समेत कई राजनीतिक दल ने बिशप के बयान पर टिप्पणी की है। बीजेपी नेता और केंद्र सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने बिशप के खत की आलोचना करते हुए धमकी तक दे डाली। भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा, 'हर क्रिया पर प्रतिक्रिया होती है। मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठाऊंगा जिससे देश का सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़े। लेकिन अगर चर्च लोगों को प्रार्थना करने कहता है ताकि मोदी की सरकार न बने, तो देश को सोचना पड़ेगा कि दूसरे धर्म के लोग उनके विरोध में कीर्तन पूजा करेंगे।'
वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी अनिल काउटो की पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, जब धर्म की बात आती है, तो किसी को भी ऐसी बातें नहीं कहना चाहिए। वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, 'मैंने पत्र नहीं देखा है। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि भारत एक वो देश है जहां अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं और किसी को भी जाति और धर्म के नाम पर भेदभाव करने की अनुमति नहीं है।'
वहीं, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री धर्म और जाति से परे बिना भेदभाव सबके विकास के लिए काम कर रहे हैं। हम आर्कबिशप को केवल प्रगतिशील सोच रखने के लिए कह सकते हैं। वहीं दूसरी ओर आर्कबिशप के खत का समर्थन करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, 'हम सभी जाति, समुदाय और कोलकाता समेत पूरे देश के आर्कबिशप का सम्मान करते हैं। मेरा मानना है कि उन्होंने (आर्कबिशप ने) जो भी कहा है सही ही कहा है। यही सच है।'
आपको बता दें कि, दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो ने 8 मई को दिल्ली के सभी चर्चों के नाम एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने देश में अशांत राजनैतिक वातावरण की बात करते हुए लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को खतरे में बताया है। उन्होंने सभी पादरियों से आग्रह किया था कि वे 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले देश के लिए प्रार्थना करें।
अनिल काउटो के समर्थन में उतरे आर्कबिशप के सचिव फादर रॉबिंसन ने बयान जारी कर कहा है कि आर्कबिशप का पत्र राजनीतिक नहीं है, न ही सरकार या माननीय प्रधानमंत्री के खिलाफ है। गलत जानकारी नहीं फैलाई जानी चाहिए। ये सिर्फ प्रार्थनाओं के लिए निमंत्रण है. पहले भी इस तरह के पत्र लिखे जा चुके हैं।