कोरोना फंड के नाम पर दलाई लामा के गुरु के साथ धोखाधड़ी
नई दिल्ली- धोखेबाजों ने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के लिए फंड जुटाने के नाम पर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के गुरु के साथ भी धोखाधाड़ी कर ली है। जालसाजों ने इसके लिए दलाई लामा के गुरु लिंग रिनपोचे का फर्जी फेसबुक पेज बनाया और उसके जरिए तिब्बतियों और बौद्ध धर्म के लोगों से उगाही की कोशिश की है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में केस दर्ज करके तफ्तीश शुरू की है। लिंग रिनपोचे के दफ्तर को उनके कई अनुयायियों से जानकारी मिली है कि उन्होंने उस फंड में गरीबों की सहायता के लिए पैसे दान किए हैं। (पहली तस्वीर- दलाईलामाडॉटकॉम)
दलाई लामा के गुरु के साथ धोखा
तिब्बती बौद्ध परंपरा के एक बेहद सम्माननीय आध्यात्मिक नेता 35 साल के लिंग रिनपोचे ने आरोप लगाया है कि कुछ जालसाजों ने उनके नाम से फेसबुक का एक जाली पेज बनाया, ताकि उनके अनुयायियों से कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में रकम हड़प सकें। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में एक एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (साइबर सेल) के डीसीपी भीष्म सिंह ने कहा है, 'उसी तरह का एक फेसबुक पेज बनाकर जालसाजों ने पूरे विश्व में बौद्ध अनुयायियों को फर्जी मैसेज भेजकर उनसे ज्वाइन करने को कहा।' डीसीपी ने आगे बताया, 'एक बार जब वे ज्वाइन हो गए तो उन अनुयायियों से कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए कई सारे धार्मिक कार्यों के लिए पैसे देने को कहा। इस तरह से उन्होंने रिनपोचे के नाम पर गैर-कानूनी तरीके से पैसे उगाहने की कोशिश की।'
फेसबुक पर फर्जी पेज बनाकर उगाही
बौद्ध परंपरा के मुताबिक लिंग रिनपोचे 14वें दलाई लामा के उस सैद्धांतिक गुरु के अवतार हैं, जिनका निधन 1983 में हो गया था। रिनपोचे स्थाई तौर पर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहते हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से पिछले 24 मार्च से दिल्ली के छतरपुर इलाके में ठहरे हुए हैं। खबरों के मुताबिक रिनपोचे के दफ्तर को बौद्ध अनुयायियों से ऐसी जानकारी मिली है कि उन्होंने गरीबों के नाम पर शुरू की गई इस मुहिम में दान भी दिए हैं। जालसाजों ने अपने संदेश के साथ अपना बैंक अकाउंट नंबर भी दिया था, जिसकी जानकारी पुलिस को मिल चुकी है। जानकारी के मुताबिक इस फेसबुक अकाउंट के साथ पहले भी ऐसे मामले हो चुके हैं।
फेसबुक को भी भेजा गया अलर्ट
धोखाधड़ी की भनक लगते हुए रिनपोचे के असल फेसबुक पेज पर यह डिस्क्लेमर लगा दिया गया कि इस तरह की कोई रकम नहीं ली जा रही है। फेसबुक को भी इसका अलर्ट भेजा गया है। बावजूद इसके पिछले महीने भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें कोरोना से लड़ने के नाम पर रकम मांगी गई है। शुरू में तो इतने बड़े तिब्बती आध्यात्मिक गुरु से उनके फेसबुक पेज पर जुड़ने का संदेश पाकर उनके अनुयायी बहुत खुश हुए थे। लेकिन, जब असलियत का खुलासा हुआ तो वह ठगा सा महसूस करने लगे। पुलिस एफआईआर के मुताबिक एक आध्यात्मिक गुरु, जिनके नाम का भारत और विश्व के बौद्ध श्रद्धालुओं के बीच एक विश्वास और मान्यता है, उनके कई अनुयायियों को वित्तीय प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा है। इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके नाम और उनकी तस्वीर का गलत इस्तेमाल किया गया है।