पश्चिम बंगाल के इस संस्थान ने बनाया ऐसा रोबोट, कोरोना मरीजों को पहुंचाएगा दवा, सैंपल भी लेगा
पश्चिम बंगाल के संस्थान ने बनाया रोबोट नर्स, कोरोना मरीजों को पहुंचाएगा दवा, सैंपल भी लेगा
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित सेंट्रल मेकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमईआरआई) ने एक ऐसा रोबोट बनाया है, जो कोरोना खिलाफ लड़ाई में काफी मददगार साबित हो सकता है। खासतौर से मेडिकल स्टाफ को संक्रमण से बचाने में ये कारगर होगा। सीएमईआरआई के वैज्ञानिकों ने जो ये रोबोट बनाया है, ये कोरोना मरीजों के पास दवा और खाना तो लेकर जाएगा ही। इसके जरिए डॉक्टर मरीज से बात कर उनकी परेशानी भी सुन सकेंगे।
इस रोबोट में अल्ट्रा वॉयलट किरणों का चैंबर लगा है। जो इसे विषाणु, जीवाणु और अन्य सूक्ष्मजीवों से मुक्त रखेगा। इसमें करीब 80 किलो वजन है और इसकी कीमत करीब 5 लाख रुपए है। रोबोट का नाम हॉस्पिटल केयर असिस्टिव रोबोट डिवाइस (एचसीएआरडी) दिया गया है। रोबोट ऑडियो-विजुअल सिस्टम से लैस है। इससे मरीज से बात कर डॉक्टर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले सकेंगे।
यह मरीजों तक दवा, खाना पहुंचाने के साथ-साथ जांच के लिए मूत्र व अन्य जरूरी सैंपल भी ले सकेगा। इससे अस्पताल कॢमयों को मरीज के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। सीएमईआरआई निदेशक डॉ. हरीश हिरानी का कहना है कि कोरोना संकट के समय यह डिवाइस हेल्थ केयर से जुड़े स्टाफ की सुरक्षा करेगी। उनको बार-बार मरीजों के पास जाना नहीं होगा, बल्कि रोबोट ही जाएगा। इससे चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों में मरीज के कारण संक्रमण का खतरा नहीं होगा।
बता दें कि देशभर में डॉक्टरों और दूसरे कोरोना वारियर्स का संक्रमित होने के मामले सामने आए हैं। देश के अलग-अलग शहरों में नर्स और डॉक्टर संक्रमित हुए हैं। ऐसे में ये डिवाइस काफी मददगार हो सकती है।
वहीं देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 31 हजार के पार पहुंच चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या बुधवार को 31,332 हो गई है और 1007 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में इस समय 22,629 एक्टिव केस हैं यानी इन लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं 7696 मरीज रिकवर हुए हैं।
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