हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि का दावा-'कोरोना वैक्सीन में मिला है गाय का खून', सरकार से की अपील
Coronavirus vaccine have Cow blood, its Should not to be used in India: Swami Chakrapani: पूरा देश कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भरोसा जताया है कि अगर सब कुछ तय कार्यक्रम के हिसाब से रहा तो जनवरी के महीने से कोरोना वैक्सीन की शुरुआत इंडिया में हो जाएगी तो वहीं इसी बीच वैक्सीन को लेकर कुछ संगठनों ने सवाल खड़े कर दिए हैं, पहले वैक्सीन में इस्तेमाल होने वाले उत्पाद को लेकर मुस्लिम संगठनों ने प्रश्न खड़े किए थे तो वहीं अब इस पर सवाल उठाए हैं अखिल भारत हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने, जिन्होंने दावा किया है कि अमेरिका की जो कोरोना वैक्सीन तैयार हुई है उसमें 'गाय के खून' का इस्तेमाल किया गया है।
स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि दवा के नाम पर किसी के धर्म से तो नहीं खेला जा सकता है, कोरोना को खत्म करने के लिए वैक्सीन का आना बहुत जरूरी है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि किसी भी चीज को डालकर वैक्सीन बना दिया जाए। हमें खबर मिली है कि वैक्सीन में 'गाय के रक्त' का प्रयोग किया जा रहा है, जो कि सरासर अनुचित है। गाय हमारी माता है और हमारे लिए पूज्यनीय है ऐसे में उसके खून से बनी वैक्सीन का प्रयोग भारत में कैसे संभव है?, इस बारे में जांच होनी चाहिए।
आखिर कोरोना वैक्सीन के बारे में जानकारी क्यों नहीं मिलनी चाहिए?
उन्होंने सवाल खड़े किए कि जब कोई भी दवाई यह उत्पाद बनता है तो उसमें क्या-क्या मिलाया गया है, यह जानकारी दी जाती है। तो आखिर कोरोना वैक्सीन के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है, इससे ये साफ होता है कि कहीं ना कहीं कुछ तो सही नहीं है। स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि जो भी वैक्सीन आ रही है, पहले उसके बारे में हर जानकारी लोगों को देना काफी जरूरी है इसलिए सरकार से अपील है कि वो वैक्सीन की जानकारी को सार्वजनिक करे, उन्होंने इसको लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन भी भेजा है।
9 मुस्लिम संगठनों ने भी वैक्सीन को लेकर कही ये बात
मालूम हो कि स्वामी चक्रपाणि से पहले 9 मुस्लिम संगठनों (Muslim Organizations) ने कहा था कि चीन (China) में बनने वाली कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का इस्तेमाल मुस्लिम नहीं करेंगे क्योंकि इन सभी को पता चला है कि चाइना की वैक्सीन में सुअर (Pork) का इस्तेमाल हुआ है, जो कि हमारे धर्म के लिए सही नहीं है। तो वहीं अरब अमीरात (UAE) के शीर्ष इस्लामी संगठन फतवा काउंसिल ने कहा है कि कोरोना वायरस टीकों में पोर्क के जिलेटिन का इस्तेमाल हुआ है, हालांकि उन्होंने इसे इस्तेमाल करने की बात कही है।