कोरोना वायरस: अच्छे से वर्क फ्रॉम होम करने के पांच तरीक़े
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई कोशिशें की जा रही है. उनमें सबसे कारगर कोशिश हो सकती है सोशल डिसटेंसिंग, यानी दूसरों से दूर रहना और जितना हो सके अपने घर पर रहना. लेकिन काम के लिए लोगों को घरों से निकलना ही पड़ रहा है. लोग वर्क फ़्रॉम होम करके इसका भी तरीक़ा निकालने की कोशिश कर रहे हैं. कई लोगों ने घर से काम करना शुरू कर दिया है, तो कई लोग अब शुरू करने वाले हैं.
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई कोशिशें की जा रही है. उनमें सबसे कारगर कोशिश हो सकती है सोशल डिसटेंसिंग, यानी दूसरों से दूर रहना और जितना हो सके अपने घर पर रहना.
लेकिन काम के लिए लोगों को घरों से निकलना ही पड़ रहा है. लोग वर्क फ़्रॉम होम करके इसका भी तरीक़ा निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
कई लोगों ने घर से काम करना शुरू कर दिया है, तो कई लोग अब शुरू करने वाले हैं.
अगर आप भी घर से काम शुरू करने वाले हैं और सोच रहे हैं कि कैसे घर से अच्छे तरीक़े से काम करें. तो ये पांच तरीक़े आपकी मदद कर सकते हैं.
घर पर क्या पहनें
वर्क फ़्रॉम होम सुनते ही लोगों के दिमाग़ में पहली बात आती है कि घर पर आराम से पजामे में कंफ़र्टेबल होकर काम करेंगे.
लेकिन अगर आप नहाकर वो कपड़े पहनते हैं, जो आप ऑफ़िस जाने के लिए पहनते हैं तो इससे आप काम करने के लिए दिमाग़ी रूप से तैयार हो जाते हैं.
आप कैसे कपड़े पहनते हैं ये आपके काम पर निर्भर करता है. कुछ लोगों को लग सकता है कि वो फ़ॉर्मल कपड़े पहनेंगे तो ज़्यादा ठीक रहेगा और अगर उन्हें वीडियो कॉल करना पड़े तो भी वो सहज होंगे.
कुछ लोगों के लिए तैयार होने का मतलब हो सकता है कि वो नहा लें और वो कपड़े बदल दें जो वो सोने के समय पहनते हैं. इसका मतलब हो सकता है कि आप टी-शर्ट या जीन्स पहन लें.
इससे एक और फ़ायदा होगा. जब आप शाम को काम ख़त्म कर लेंगे तो कपड़े बदलने पर आपको अहसास होगा कि अब आपकी छुट्टी हो चुकी है और अब आप ऑफ़िस से घर आ चुके हैं.
रूटीन तयकरें
अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं तो आपके काम करने के घंटे तय होंगे. इसलिए जब आप घर से काम कर रहे हों, तब भी इन घंटों के हिसाब से काम करना चाहिए.
आप उसी तरह दिन शुरू करें जैसे सामान्य तौर पर करते हैं. ऑफ़िस पहुंचकर आप जितने बजे काम शुरू करते हैं, उतने ही बजे घर से भी काम शुरू करें और जितने बजे तक ऑफिस में काम करते हैं, उतने बजे तक ही घर पर भी काम करें.
ब्लॉगर और फ्ऱीलांस राइटर एम शेल्डन कहती हैं कि वो रूटीन तय करके घर से काम करती हैं. वो सलाह देती हैं, "सही समय पर सो जाएं. ताकि आपकी नींद पूरी हो सके और आप उस समय पर उठ जाएं, जिस पर सामान्य तौर पर उठते हैं."
वो कहती हैं, "मैं अपने वर्क आउट का टाइम भी तय कर लेती हूं और अपनी जिम किट तैयार रखती हूं, ताकि सही समय पर उठकर चली जाऊं."
"जो चीज़ आप बार-बार करते हैं वो आपकी आदत बन जाती है. पहला हफ़्ता आपके लिए चुनौती भरा हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे ये आपके रूटीन का हिस्सा बन जाएगा."
काम ख़त्म होने के बाद अपना कंप्यूटर बंद कर दें और अपने आस-पास की जगह को साफ़ करें. पेपर और दूसरे सामान को हटा दें.
घर में एक जगह तय कर लें, कि आप यहां बैठकर काम करेंगे. अच्छा होगा कि आप वैसे ही एक मेज़ और कुर्सी लगा लें, जैसे आपके ऑफ़िस में होती है.
डॉक्टर सलाह देते हैं कि काम करते हुए ठीक तरीक़े से बैठें. अपनी कुर्सी सही तरीक़े से रखें, ऐसे बैठें कि आप अपनी कलाइयों को ठीक से टिकाकर की-बोर्ड पर काम कर सकें. सही तरीक़े से बैठेंगे तो कमर के दर्द से बचेंगे.
अगर घर में और भी लोग हैं तो ज़रूरी है कि ऐसी जगह पर बैठें जहां शोर ना हो. जिससे आप शांति से काम कर सकें.
2017 में प्रोफेसर रॉबर्ट केली के लिए ऐसे ही एक मुश्किल स्थिति पैदा हो गई थी. बीबीसी न्यूज़ पर उनका इंटरव्यू लाइव चल रहा था, तभी उनके दोनों बच्चे कमरे में आ गए. ये वीडियो बहुत लोकप्रिय हुआ. जिसे अब तक 30 मिलियन से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.
रोस रॉबिन्सन अपनी कंपनी में फ्रीलांसर्स की एक टीम मैनेज करते हैं. वो कहते हैं कि लोगों को एक और चीज़ से बचना चाहिए.
वो कहते हैं, "कई लोग जब घर से काम कर रहे होते हैं तो बहुत ज़्यादा कम्यूनिकेट करने की कोशिश करते हैं. शायद वो ज़्यादा दिखना चाहते हैं या ये बताना चाहते हैं कि वो उस वक़्त क्या कर रहे हैं. इसमें कोई दिक्कत नहीं है - लेकिन ये बहुत ज़्यादा करने की ज़रूरत नहीं है. अगर आप कुछ काम कर रहे हैं और उस काम को अच्छे से करना चाहते हैं - तब ज़रूरी चीज़ों के लिए बॉस से बात कर सकते हैं."
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कुछ देर के लिए बाहर भी जाएं (अगर आप सेल्फ-आइसोलेशन में नहीं हैं)
वर्क फ़्रॉम होम का मतलब ये नहीं है कि आप पूरा दिन घर में बंद रहेंगे.
रोज़ाना के काम करने के बाद, घर से एक बार बाहर निकलना अच्छा रहेगा.
तो जूते पहनिए, बाहर निकलिए और थोड़ी ताज़ी हवा खाकर आइए. इससे मेंटल ब्लॉक ठीक करने में भी मदद मिलेगी और इससे आपका दिमाग़ भी थोड़ा फ्ऱेश हो जाएगा, तो अगले दिन आराम से काम में मन लगेगा.
फ़ोन पर भी बात करें
अगर आप घर पर काम कर रहे हैं तो हो सकता है कि आप घर में अकेले हों. वहां ऑफ़िस का शोर नहीं होगा. सहकर्मियों की आवाज़ों से आपका ध्यान नहीं बँटेगा.
जब आप ऑफ़िस में होते हैं तो सहकर्मियों से बात भी करते हैं, लेकिन घर से काम करते समय हो सकता है कि पूरा दिन आप किसी से बात ना करें, इसका मतलब हो सकता है कि आप एकदम अलग-थलग हो गए हैं.
इसलिए थोड़ा समय निकालकर फ़ोन उठाइए और ईमेल-मैसेज पर बात करने के बजाए कुछ बात फ़ोन पर भी कर लीजिए.
एक फ़्रीलांस पीआर कंसल्टेंट के तौर पर काम करने वाले हुग मोरटाइमर कहते हैं कि अगर आप ईमेल पर ही बात करते रहने के बजाए लोगों को फ़ोन पर बात करते हैं, तो काम में ज़्यादा मन लगेगा.
अपने स्टाफ़ को अस्थायी तौर पर घर से काम करना शुरू करवा रहे एक कंपनी के बिज़नेस लीड जैक इवान कहते हैं कि उनकी योजना है, कि हर रोज़ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए 30 मिनट सबसे बात करेंगे.
उनका कहना है, "लंच टाइम के समय भी हम वीडियो मैसेज के ज़रिए ऐसे ही बात कर सकते हैं. ताकि ऐसा ना हो जाए कि लोग बस काम ही किए जा रहे हैं. ये सिर्फ काम के लिए ही ज़रूरी नहीं है. इससे एक सोशल कनेक्शन भी बना रहेगा."
ब्रेक लेते रहें
घर से काम करते वक्त रूटीन तय करना अच्छी बात है, लेकिन ये भी ध्यान रखें कि ये बोरिंग ना हो जाए.
और आप पूरा दिन अपनी स्क्रीन से ही ना चिपके रह जाएं. ज़रूरी है कि आप समय-समय पर स्क्रीन ब्रेक लेते रहें और अपनी डेस्क से उठें और जैसे ऑफ़िस में थोड़ टहलते हैं, वैसे टहल लें.
रिसर्च भी कहती हैं कि लंबे ब्रेक लेने के बजाए, बीच-बीच में छोटे ब्रेक लेना ज़्यादा फायदेमंद होता है.
घर से काम करने वाले कई लोग पोमोडोरो तकनीक अपनाने की सलाह देते हैं. टाइम मैनेजमेंट के इस तरीक़े में आप वर्किंग डे को 25-25 मिनट के हिस्सों में ब्रेक करते हैं. हर 25 मिनट के बाद पांच मिनट का ब्रेक लिया जाता है.