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बोस के परिवार की जासूसी के पीछे का सच, हादसा नहीं हत्या हुई थी बोस की

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बेंगलुरू। सुभाष चंद्र बोस के रिश्तेदारों की जासूसी के मामले के बाद कांग्रेस बुरी तरह घिरती नजर आ रही है। बोस की मौत शुरु से देश के लिए एक बहुत बड़ा रहस्य रहा है और लोगों का मानना है कि उनकी विमान हादसे में मौत नहीं हुई थी बल्कि उनकी हत्या कराई गयी थी।

Nehru

बोस के परिवार का सवाल आखिर क्यों हुई हमारी जासूसी

जिस तरह से इस बात का खुलासा हुआ है कि बोस के रिश्तेदारों की 20 साल तक जासूसी हुई है उसपर बोस परिवार की अकेली बेटी अनीता भारती ने आश्चर्य जताया है। अनीता ने पूछा बोसजी ने देश के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया क्या उनके परिवार के खिलाफ सरकार को जासूसी करनी चाहिए थी।

नेहरू ने खुद 1957 में पूछा था बोस के परिवार के बारे में

26 नवंबर 1957 को नेहरू ने विदेश सचिव सुबिमल दत्त को एक पत्र लिखकर पूछा था कि जब मैं जापान रवाना होने वाला था तब मैंने सुना था कि सरत चंद्र बोस के बेटे अमिया बोस टोक्यो पहुंचे थे। उन्होंने मुझे इस बात की जानकारी दी थी कि वह वहां जा रहे हैं।

मैं चाहता हूं कि आप पता करें कि अमिया बोस टोक्यों क्या करने गये हैं। क्या अमिया भारतीय दूतावास गये थे। क्या उन्होंने रेंकोजी मंदिर के दर्शन किये थे। नेहरू के इस पत्र का जवाब दत्त ने नकारात्मक दिया था।

बोस मरे नहीं जिंदा थे

ऐसा भी कहा जाता है बोस चीन के बाद सोवियत संघ चले गये थे। वहीं बाद में वह यूपी के फैजाबाद में बाबा की तरह जीवन व्यतीत कर रहे थे। लेकिन बोस से जुड़ी इन खुफिया बातों को इसलिए नकारा नहीं जा सकता है क्योंकि सरकार ने उनसे जुड़ी खुफिया फाइलों को आजतक सार्वजनिक नहीं किया है।

1970 में उठी थी पहली बार मांग

देश के मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह ने पहली बार सरकार से बोस से जुड़े कागजात को सार्वजनिक किये जाने की मांग की थी लेकिन उनकी इन मांगों को दरकिनार कर दिया गया था।

150 फाइलों में छिपा है बोस का रहस्य

केंद्र की हर सरकार ने बोस से जुड़ी 150 फाइलों को खुफिया फाइलें बताकर इन्हें सार्वजनिक करने से इनकार किया है। सरकार का मत है कि इन कागजों के सार्वजनिक होने से तनाव का माहौल हो सकता है। हाल ही में एक आरटीआई में यह भी खुलासा हुआ है कि नेताजी से जुड़ी 5 ऐसी भी फाइलें हैं जिनकी गोपनीयता के चलते उनका नाम तक नहीं बताया गया है आजतक।

मोदी सरकार पर भी उठ रहे सवाल

हालांकि मोदी सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक किये जाने से माहौल बिगड़ सकता है। बल्कि राजनाथ सिंह ने अपने एक बयान में कहा है कि इससे अन्य देशों के साथ भारत के संबंध बिगड़ सकते हैं। लेकिन अगर नेता जी की मौत एक विमान हादसे में हुई है तो उससे अन्य देशों से भारत के संबंध कैसे बिगड़ सकते है। ऐसे में साफ है कि नेताजी की मौत की निसंदेह कोई और वजह है।

स्वामी का दावा नेहरू को पता था कि स्टालिन ने करायी बोस की हत्या

वहीं भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी का दावा है कि श्याम लाल जैन जोकि नेहरू का स्टेनोग्राफर था उसने खोसला कमीशन के सामने 1970 में खुद इस बात का खुलासा किया है था कि उसने नेहरू के कहने पर 1945 में स्टालिन को एक पत्र लिखा था और उसमें उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया था कि सुभाष चंद्र बोस स्टालिन की कैद में हैं। स्वामी का दावा है कि विमान हादसा कांग्रेस का फैलाया झूठ है। नेताजी की सोवियत यूनियन में कैद के दौरान स्टालिन ने हत्या करायी थी।

भाजपा नेता एमजे अकबर का कहना है कि 20 साल की जासूसी के दौरान 16 साल नेहरू प्रधानमंत्री थे। नेहरू इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं थे कि बोस की मृत्यु हो गयी है। इसीलिए सरकार ने बोस के परिवार की जासूसी करायी।

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English summary
Controversy Of Subhash Chandra Bose secret reveals behind his family espionage, Bose was killed by Stalin
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