अहम मंत्रियों के इस्तीफे पर कांग्रेस का वार- आप लोगों ने 'गुलामी' की कीमत चुकाई
कई अहम मंत्रियों के इस्तीफे पर कांग्रेस का वार- 'गुलामी' की कीमत चुकाई है
नई दिल्ली, 7 जुलाई: केंद्रीय कैबिनेट का आज विस्तार किया गया है। पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में 43 नए सदस्यों को शामिल किया है। वहीं 12 केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफों हुए हैं। जिन मंत्रियों के इस्तीफे हुए हैं, उनमें स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर और रमेश पोखरियाल जैसे बड़े नाम शामिल है। केंद्र सरकार के अहम मंत्रालय संभाल रहे इन मंत्रियों के इस्तीफे होने पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को निशाना बनाया है। कांग्रेस नेताओं ने इस्तीफा देने वाले मंत्रियों को इसे उनकी गुलामी करने की सजा कहा है तो पीएम को कहा है कि वो मंत्रियों से इस्तीफों को पीछे अपनी असफलता नहीं छुपा सकते।
कांग्रेस सांसद पी चिंदबरम ने ट्वीट कर लिखा- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य राज्य मंत्री का इस्तीफे से मोदी सरकार ने स्पष्ट तौर पर स्वीकार किया है कि कोरोना महामारी के प्रबंधन में वो पूरी तरह विफल रही। ये इस्तीफे में मंत्रियों के लिए भी एक सबक हैं। अगर चीजें सही होती हैं तो इसका श्रेय पीएम को जाएगा, अगर चीजें गलत हुईं तो मंत्री के सिर दोष मढ़ दिया जाएगा। यही कीमत है जो एक मंत्री बहुत ज्यादा आज्ञाकारिता और बिना कोई सवाल किए गुलामी लिए चुकाता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा कि डॉ हर्षवर्धन जैसे एक अच्छे आदमी को प्रधानमंत्री ने अपनी स्मारकीय विफलताओं के लिए बलि का बकरा बना दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरेजावाला ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान कुप्रबंधन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) जिम्मेदार है। एनडीएमए की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं। पीएम के अधीन से संस्था काम करती है। तो क्या पीएम अपनी नाकामियों की जिम्मेदारी लेंगे? या वो डॉ हर्षवर्धन को ही अपनी विफलताओं के लिए बलि का बकरा बनाएंगे?
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इन 12 मंत्रियों के हुए हैं इस्तीफे
12 मंत्रियों ने आज इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के अलावा स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल, डीवी सदानंद गौड़ा, थावरचंद गहलोत, संतोष कुमार गंगवार, बाबुल सुप्रियो, धोत्रे संजय शामराव, रतन लाल कटारिया, प्रताप चंद्र सारंगी और देबाश्री चौधरी शामिल हैं।