Covaxin को मंजूरी मिलने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने उठाए सवाल, बोले- समय से पहले इस्तेमाल खतरनाक
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में एक साथ दो वैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। रविवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को इमरजेंसी अप्रूवल दे दी है। भारत को नए साल पर दो वैक्सीन की सौगात मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन तक ने बधाई दी है। इस बीच कांग्रेस (Congress) ने भारत बायोटेक वैक्सीन को मंजूरी देने पर सवाल खड़ा किया है।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने रविवार को ट्वीट कर भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन के DCGI द्वारा मंजूरी मिलने पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट में कहा कि Covaxin अभी तीसरे फेज के ट्रायल में है ऐसे में इसका टीका आम लोगों को देना घातक साबित हो सकता है। शशि थरूर के इस ट्वीट के बाद कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी वैक्सीन के समय से पहले मंजूरी देने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
The Covaxin has not yet had Phase 3 trials. Approval was premature and could be dangerous. @drharshvardhan should please clarify. Its use should be avoided till full trials are over. India can start with the AstraZeneca vaccine in the meantime. https://t.co/H7Gis9UTQb
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 3, 2021
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कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपने ट्वीट में लिखा, 'भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) के तीसरे चरण का ट्रायल अभी पूरा नहीं हुआ है, ऐसे में वैक्सीन को समय से पहले मंजूरी देना खतरनाक साबित हो सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन इस संबंध में स्पष्टीकरण दें। कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल पूरा होने तक इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। इस समय भारत को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का इस्तेमाल करना चाहिए।' बता दें कि एस्ट्राजेनेका वह वैक्सीन है जिसका उत्पादन और परीक्षण सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा है। भारत में इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है।
शशि थरूर के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, इसमें कोई शक नहीं है कि भारत बायोटेक पहले दर्जे की कंपनी है, लेकिन इसकी वैक्सीन Covaxin के लिए फेज-3 के ट्रायल से जुड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत प्रोटोकॉल में बदलाव किया गया है, जो कि हैरान करने वाला है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।