चिंतन शिविर में सोनिया का केंद्र पर हमला, कहा-'बीजेपी-RSS की नीतियां देश के लिए चुनौती'
उदयपुर, 13 मई: राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिन का चिंतन शिविर शुरू हो गया। शिविर के पहले दिन सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं को संबोधित किया। सोनिया गांधी ने कहा कि, भाजपा-आरएसएस की नीतियों की वजह से देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसपर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है। ये देश के मुद्दों पर चिंतन और पार्टी के सामने समस्याओं पर आत्मचिंतन दोनों ही है। सोनिया गांधी ने कहा, कांग्रेस में ढांचागत सुधार की बहुत जरूरत है।
Recommended Video
सोनिया गांधी ने कहा कि, अब तक यह पूरी तरह से और दर्दनाक रूप से स्पष्ट हो गया है कि पीएम मोदी और उनके सहयोगियों का वास्तव में उनके नारे 'अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार' से क्या मतलब है? ऐसा माहौल पैदा किया गया है कि लोग लगातार डर और असुरक्षा के भाव में रहें। इसका अर्थ है कि देश को ध्रुवीकरण की स्थायी स्थिति में रखना, लोगों को लगातार भय और असुरक्षा की स्थिति में रहने के लिए मजबूर करना, अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से निशाना बनाना और उन पर अत्याचार करना जो हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे देश के समान नागरिक हैं।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन किया जा रहा है। आज संवैधानिक संस्थाओं के सामने बड़ा खतरा पैदा हो गया है। यूपीए दो ने फूड सिक्योरिटी व सूचना के अधिकार का लोगों काे कानून दिया है। इससे लोगों को राहत मिली है। उन्होंने कहा कि संकट के दौर में मनरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून ने लोगों को राहत दी है।
सोनिया
गांधी
ने
कहा,
हम
विशाल
प्रयासों
से
ही
बदलाव
ला
सकते
हैं,
हमे
निजी
अपेक्षा
को
संगठन
की
जरूरतों
के
अधीन
रखना
होगा।
पार्टी
ने
बहुत
दिया
है।
अब
कर्ज
उतारने
की
जरूरत
है।
एक
बार
फिर
से
साहस
का
परिचय
देने
की
जरूरत
है।
हर
संगठन
को
जीवित
रहने
के
लिए
परिवर्तन
लाने
की
जरूरत
होती
है।
हमें
सुधारों
की
सख्त
जरुरत
है।
ये
सबसे
बुनयादी
मुद्दा
है।
कांग्रेस
अध्यक्ष
ने
कहा
कि
हाल
में
मिली
नाकामयाबियों
से
हम
बेखबर
नहीं
है।
हम
उनसे
पार
पाने
की
कोशिश
करेंगे।
लोगों
की
हमसे
जो
उम्मीदें
हैं
उनसे
हम
बेखबर
नहीं
हैं।
हम
यहां
पूरी
विनम्रता
के
साथ
आत्म
निरीक्षण
तो
कर
रही
रहे
हैं,
हमें
उम्मीद
है
कि
जब
हम
यहां
से
निकलेंगे
तो
एक
नई
ऊर्जा
के
साथ
प्रेरित
होकर
निकलेंगे।
एक परिवार, एक टिकट पर पूर्ण सहमति, चिंतन शिविर के बाद बड़ा बदलाव: अजय माकन
चिंतन शिविर के दौरान पीसी में कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- 'मुझे समझ में नहीं आता कि पीएम मोदी कभी प्रेस के सामने क्यों नहीं आते... यह अहम है कि हम अपने लोकतंत्र, संविधान को बचाएं... वे असहमति को दबाने की कोशिश करते हैं। हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने की आवश्यकता है।' खड़गे ने कहा कि कहीं न कहीं हमारे प्रचार में कमियां हैं, हमने बहुत काम किए हैं, उसका फल हमें नहीं मिल रहा। उसका फल कोई और खा रहा है और वे लोग बोल रहे हैं हम असल देशभक्त हैं। अगर आप असल देशभक्त हैं तो आप भारत छोड़ो आंदोलन के वक्त कहां थे? गांधी जी ने पदयात्रा निकाली तब आप कहां थे? देश के लिए लाखों लोग जेल में गए और कुर्बानी दी तब आप कहां थे?