निठारी के नरपिशाचों की कहानी, आखिर कब और कैसे शुरू हुआ यह मामला
निठारी हत्याकांड की पूरी टाइमलाइन, आखिर कैसे इस निर्मम हत्याकांड ने देशभर के लोगों को दहलाकर रख दिया था।
गाजियाबाद। बहुचर्चित निठारी कांड में आज सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरिंदर कोली को फांसी की सजा सुनाई है। गाजियाबाद की विशेष कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए दोनों ही आरोपियों को फांस की सजा सुनाई। कोर्ट ने इन दोनों ही आरोपियों को पहले ही दोषी करार दिया है।
घर के पीछे नाले में मिले थे 19 कंकाल
यह बहुचर्चित मामला वर्ष 2006 का है जबक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू नौकर सुरिंदर ने पिंकी सरकार की बर्बरता से हत्या कर दी थी। मोनिंदर और सुरिंदर पर आरोप था कि इन दोनों ने पिंकी को पहले अगवा किया और उसके साथ बलात्कार करने के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया। लेकिन यह मामला तब और भी बड़ा हो गया जब पुलिस ने इसकी जांच पड़ताल शुरू की और पुलिस को 19 कंकाल मिले थे।
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9 मामलों में मामलों में चल रही सुनवाई
इस हत्याकांड की जांच करने जब पुलिस 29 दिसंबर 2006 को पंढेर के घर के पास पहुंची तो उसके घर के पीछे नाले में पुलिस 19 लोगों के कंकाल मिले जिसके बाद पुलिस ने सुरिंदर कोली के और पंढेर के खिलाफ मामला दर्ज करके चार्जशीट दायर की। कोर्ट पहले ही पिंकी सरकार के अलावा छह अन्य मामलों में दोनों को सजा सुना चुका है, इसके अलावा 9 अन्य मामलों में दोनों ही आरोपियों के खिलाफ सुनवाई चल रही है। जानकारी के अनुसार तीन अन्य मामलों में सबूत की कमी के चलते चार्जशीट दायर नहीं की गई है।
आइए इस घटना के टाइमलाइन पर डालते हैं एक नजर
29
दिसंबर
2006
-
पुलिस
को
मोनिंदर
पंढेर
के
घर
के
पीछे
नाले
में
19
लोगों
के
कंकाल
मिले,
जो
बच्चे
व
महिलाओं
के
थे
29 दिसंबर 2006 - पंढेर और कोली को पुलिस ने गिरफ्तार किया
30 दिसंबर 2006 - पुलिस की जांच में 40 ऐसे पैकेट मिले जिसमें इंसानों के अंग को रखकर फेंका गया था
5 जनवरी 2007 - दोनों ही आरोपियों के नार्को टेस्ट के लिए पुलिस गांधीनगर ले गई
10 जनवरी 2007 - सीबीआई क पूछताछ के बाद निठारी में पंढेर के घर के पास और हड्डियां मिलीं
25
जनवरी
2007
-
दोनों
ही
आरोपियों
के
साथ
गाजियाबाद
कोर्ट
में
मारपीट
हुई
7 अप्रैल 2007 - पिंकी की पहचान उसके कपड़ों और हेयर क्लिप से हुई
8
फरवरी
2007
-
दोनों
आरोपियों
को
14
दिन
की
सीबीआई
हिरासत
में
भेजा
गया।
इसके
बाद
मई
में
सीबीआई
ने
पंढेर
को
अपनी
चार्जशीट
में
रिंपा
हलदर
के
रेप,
अपहरण
व
हत्या
के
मामले
में
निर्दोष
बताया।
जिसके
बाद
कोर्ट
की
फटकार
लगी
और
एक
बार
फिर
से
पंढेर
को
अभियुक्त
बनाया
गया।
13
फरवरी
2009
-
रिंपा
हलदर
की
हत्या
के
आरोप
में
कोर्ट
ने
कोली
और
पंढेर
को
फांसी
सजा
सुनाई
4
मई
2010
-
सीबीआई
की
विशेष
अदालत
ने
कोली
को
7
साल
की
आरती
की
हत्या
का
दोषी
करार
दिया।
फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला गया
28 अक्तूबर 2014 - सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका खारिज की, मौत की सजा को बरकरार रखा, कोली को 12 सितंबर से पहले फांसी दी जानी थी। लेकिन वकीलों ने एक बार फिर से पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसके बाद मामले को कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजा
12 सितंबर 2014 - सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर तक के लिए फांसी पर रोक लगाई। लेकिन 28 जनवरी 2015 को रिंपा हत्याकांड में आरोपी सुरिंदर कोली की सजा को उम्र कैद में बदल दिया था।