यूपी का ये जिला रहा है बीजेपी का गढ़, जहां 30 सालों में कभी नहीं जीत सकी कांग्रेस
नई दिल्ली, 24 नवंबर: उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। चुनावों को लेकर राज्य में सरगर्मियां तेज हो रखी है। कांग्रेस जहां प्रियंका गांधी के सहारे अपने आप को जीवित करने की कोशिश में है तो वहीं समाजवादी पार्टी फिर से सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुटी हुई है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी अपनी सत्ता को बचाने के लिए मैदान में होगी। पिछले चुनावों में बीजेपी ने पश्चिम यूपी और बुदेलखंड़ में सभी पार्टियों का सूपड़ा साफ कर दिया है। पश्चिम जहां किसान आंदोलन की वजह से बीजेपी की मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। तो वहीं पार्टी अब अपना ध्यान बुंदेलखंड़ पर लगा दिया है। बीजेपी का गढ़ बन चुके बुंदेलखंड में सेंध लगाना किसी भी पार्टी के लिए संभव नहीं हैं।
लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लगातार बुंदेलखंड का दौरा कर रही हैं। हाल ही में प्रियंका ने इस रीजन के कई किसान परिवारों से मुलाकात की थी। पार्टी प्रियंका गांधी के सहारे इस रीजन में अपनी वापसी की आस लगाए बैठी है। बुंदेलखंड का सबसे अहम जिला चित्रकूट है। चित्रकूट जिले की बात करें तो यहां की दोनों विधानसभा सीटों पर 1989 के बाद से आज तक कांग्रेस पार्टी का खाता तक नहीं खुल सका है।
चित्रकूट जिले में कर्वी और मानिकपुर के नाम से दो विधानसभा सीटे हैं। कर्वी विधानसभा सीट से शिवनरेश मिश्रा कांग्रेस के अंतिम विधायक बने। उनका कार्यकाल वर्ष 1980 से 1985 तक रहा। वहीं मानिकपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर शिरोमण भाई दो बार विधायक रहे। उनका कार्यकाल 1980 से 1989 तक रहा। इसके बाद देश में बदले राजनैतिक हालातों का असर चित्रकूट पर हुआ औऱ पार्टी यहां से अपनी बहुमत खो बैठी।
स्थानीय नेताओं का मानना है कि, बोफोर्स कांड, मंडल कमीशन और राम मंदिर आंदोलन केंद्र जैसे मुद्दों के चलते कांग्रेस पार्टी के जिले से बाहर हो गई। कभी कांग्रेस पार्टी का गढ़ रहा बुंदेलखंड आज बीजेपी का अभेद दुर्ग बन गया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड की सभी 19 सीटों पर भगवा परचम लहराया था। 2017 में बीजेपी ने बुंदेलखंड में अपनी सियासी जड़े ऐसी मजबूत की सपा और बसपा गठबंधन भी 2019 में उसे नहीं हिला सका। सूबे में बीजेपी की सत्ता की वापसी में बुंदलेखंड की भूमिका काफी अहम रही थी।
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बीजेपी के इस मजबूत गढ़ पर विपक्षी दलों के नजर लगी हुई हैं। इसी मद्देनजर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पिछले सप्ताह बुंदेलखंड के चित्रकूट में महिला वोटर्स को साधने के लिए उतरी थी। प्रिंयका ने इस दौरान महिलाओं के साथ संवाद करने के साथ-साथ मंदिर में माथा टेकर कांग्रेस को बुंदेलखंड वापस लाने की कोशिश करती दिखीं। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मिशन-2022 के लिए रथयात्रा के पहले चरण में बुंदेलखंड क्षेत्र का दौरा कर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कवायद की थी।