केंद्र सरकार ने कहा असम से कहा- एनआरसी से बाहर रहने वालों को तुरंत जारी की जाए 'अस्वीकृति पर्ची'
केंद्र सरकार ने असम सरकार से कहा है कि 2019 में जारी अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर से बाहर रहने वालों को अस्वीकृति पर्ची तुरंत जारी की जाए।
दिसपुर। केंद्र सरकार ने असम सरकार से कहा है कि 2019 में जारी अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर से बाहर रहने वालों को अस्वीकृति पर्ची तुरंत जारी की जाए। गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) के कार्यालय ने असम के गृह सचिव एस.एस भुयान को 23 मार्च को लिखा था जिसमें कहा गया था कि एनआरसी में शामिल होने वाले और इससे बाहर रहने वालों की पूरक सूची सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 31 अगस्त 2019 को जारी की गई थी, लेकिन एनआरसी से बाहर रहने वालों को अस्वीकृति पर्ची जारी करने की प्रकिया अभी तक शुरू नहीं हुई है।
लोगों को दिये जाएंगे पर्याप्त अवसर
इससे पहले गृह मंत्रलाय ने कहा था कि एनआरसी में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं किए हए हैं, ऐसा नहीं है उन्हें विदेशी घोषित कर दिया जाएगा, उन्हें विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपने केस को पेश करने के पर्याप्त अवसर दिए जाएंगे। गृह मंत्रालय ने कहा था कि विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील करने के लिए समय सीमा को बढ़ाकर 60 से 120 दिन किया गया है। असम एकमात्र ऐसा राज्य है जहां एक NRC को शीर्ष अदालत की देखरेख में संकलित किया गया था। आपको बता दें कि यह कार्रवाई केंद्र सरकार और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और ऑल असम गण संग्राम परिषद के बीच साल 1985 में हुए एक समझौते के तहत हुई जिसमें विदेशियों का पता लगाने, उन्हें हटाने और उन्हें निर्वासित करने की बात कही गई थी।
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गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) के संयुक्त निदेशक, जसपाल सिंह ने एक पत्र के माध्यम से बताया कि, 'केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में 22 फरवरी 2020 को हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि जिन मामलों को सही पाया गया है उन्हें तुरंत अस्वीकृति पर्ची जारी की जाए और जिन मामलों में त्रुटि पाई गई है उनपर स्पष्टीकरण के लिए उन्हें संबंधित अधिकारियों के पास भेजा जा सकता है।'
पत्र में आगे कहा गया है कि NRC समन्वय समिति 30 जनवरी, 2020 और 2 जुलाई, 2020 को हुईं अपनी बैठकों के बाद से 1,602 करोड़ के स्वीकृत बजट की सीमा के भीतर गतिविधियों को पूरा करने के लिए जोर दे रही है।
पत्र में आगे कहा गया है कि 2 जुलाई की बैठक में एनआरसी के राज्य समन्यवयक ने कहा था कि दिसंबर 2020 के अंत तक अस्वीकृति पर्ची जारी की जाएंगी।
बता दें कि भाजपा शासित असम सरकार ने एनआरसी के वर्तमान स्वरूप को खारिज करते हुए एनआरसी में शामिल 30 प्रतिशत नामों की फिर से पुष्टि करने की मांग की है जो बांग्लादेश की सीमा से लगे इलाकों और कम से कम 10 प्रतिशत लोग राज्य के अन्य इलाकों से आते हैं। आपको बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच प्रवास की अंतिम तिथि 19 जुलाई 1948 है जबकि असम में 1985 के समझौते के अनुसार, जिसकी सीमा बांग्लादेश से लगती है, यह 24 मार्च 1971 है। पत्र में यह भी कहा गया है कि एनआरसी से संबंधित दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए 3.22 करोड़ रुपए प्रति माह की राज्य सरकार की मांग बहुत ज्यादा है।