कोरोना टेस्टिंग को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के दावे पर केंद्रीय टीम ने खड़े किए सवाल
नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर पश्चिम बंगाल के आंकड़ों पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई टीम ने यहां के कोरोना संक्रमित लोगों के आंकड़े पर सवाल खड़ा किया है। इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम ने हाल ही में पश्चिम बंगाल का दौरा किया था। अपनी फाइनल रिपोर्ट को टीम ने पश्चिम बंगाल सरकार को सौंप दिया है। टीम की ओर से पश्चिम बंगाल सरकार के उस दावे पर भी सवाल खड़ा किया गया है, जिसमे कहा गया है कि उसने 50 लाख लोगों का सर्वे किया है।

गंभीर आरोप
टीम के सदस्य का कहना है कि बीएसएफ के एक ड्राइवर में कोरोना के लक्षण 1 मई को सामने आए, उसका टेस्ट किया गया और 3 मई को रिजल्ट आया। लेकिन सरकार द्वारा कोई भी कोशिश नहीं की गई है कि इस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग की जाए। टीम की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने हमारी राय के विरोध में हैं और उसने हमारे काम में मदद नहीं की। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना से संक्रमित लोगों की मृत्यु दर 12.8 फीसदी है, जोकि देश में सर्वाधिक है। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि प्रदेश में बहुत कम टेस्टिंग हो रही है और लोगों को ट्रैक नहीं किया जा रहा है।
50 लाख के आंकड़े पर सवाल
केंद्र की टीम का कहना है कि प्रदेश सरकार इस बात का दावा करती है कि इसने 50 लाख लोगों का डेटा तैयार किया है, लेकिन केंद्र की टीम को इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं। यही नहीं टीम की ओर से प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले मेडिकल बुलेटिन पर भी सवाल खड़ा किया गया है। 30 अप्रैल को जो बुलेटिन जारी किया गया उसमे कहा गया कि कुल संक्रमण के मामले 572 हैं, जबकि 139 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं, 139 लोगों का निधन हो चुका है, 33 की मौत हो चुकी है। ऐसे में कुल मामला 744 हो गया। लेकिन केंद्र स्वास्थ्य सचिव ने उसी दिन जो आंकड़े जारी किए उसममे कुल संख्या 931 बताई गई, ऐसे में 187 मामलों का अंतर नजर आया।
टेस्टिंग बढ़ी
हालांकि केंद्र की टीम ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की टीम की तारीफ की है, जिसने टेस्टिंग को 20 अप्रैल को 400 से बढ़ाकर 2 मई को 2410 कर दिया है। आईएमसीटी की टीम ने अपनी पाइनल रिपोर्ट आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दी है। बता दें कि इससे पहले आईएमसीटी की टीम ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा था कि वह कोरोना से मरने वालों की संख्या कैसे तय की जाती है, उसका तरीका बताएं। साथ ही कहा गया है कि क्या आईसीएमआर द्वारा जारी किए गए तरीकों का पालन किया जा रहा है।
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