देश में रेमडेसिविर का प्रोडक्शन 10 गुना बढ़ा, अब राज्य जरूरत के हिसाब से कर सकते हैं खरीद
नई दिल्ली, मई 29: देश में कोरोना की आई घातक दूसरी लहर ने सब कुछ ध्वस्त करके रख दिया था। हालांकि वेव अभी भी जारी है, लेकिन पहने की तुलना में नए मरीजों की संख्या में अब गिरावट दर्ज हो रही है। कोरोना की दूसरी लहर जब अपने चरम पर थी, तो इस दौरान देश में हर तरफ रेमेडिसविर इंजेक्शन के लिए मारामारी देखने को मिली। लोग इंजेक्शन के लिए कई-कई दिनों तक लाइन में देखे गए, वहीं कई राज्यों में इसकी जमकर ब्लैक मार्केटिंग भी की गई। यहां तक की नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन के गिरोह का भी पर्दाफाश हुआ है। लेकिन अब राज्य सरकार खुद अपनी जरूरतों के मुताबिक इंजेक्शन की खरीद कर आपूर्ति कर सकती है।
पहले
इंजेक्शन
के
कम
प्रोडक्शन
के
चलते
इस
केंद्र
सरकार
की
ओर
दिया
जा
रहा
था,
लेकिन
अब
केंद्र
सरकार
ने
यह
घोषणा
की
है
कि
अब
अपने
हिसाब
के
राज्य
सरकार
इंजेक्शन
खरीदकर
अपनी
आपूर्ति
कर
सकती
है।
रसायन
और
उर्वरक
राज्य
मंत्री
मनसुख
मंडाविया
ने
ट्वीट
करते
हुए
बताया
कि
हमने
एक
महीने
के
भीतर
रेमेडिसविर
उत्पादन
करने
वाले
प्लांट
की
संख्या
भी
20
से
बढ़ाकर
60
कर
दी
है।
अब
देश
के
पास
आपूर्ति
मांग
से
कहीं
अधिक
पर्याप्त
इंजेक्शन
है,
इसलिए
हमने
राज्यों
को
रेमडेसिविर
के
केंद्रीय
आवंटन
को
बंद
करने
का
फैसला
किया
है।
मंत्री मनसुख मंडाविया ने अपने ट्वीट में लिखा 'मुझे आप सभी को यह बताते हुए खुशी और संतुष्टि हो रही है कि रेमडेसिविर का उत्पादन दस गुना बढ़ गया है। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में आज 11 अप्रैल को हर दिन 33,000 शीशियों बन रही थी, जो अब 3,50,000 शीशियों तक पहुंच गई हैं।
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इसके अलावा उन्होंने बताया कि देश में रेमडेसिविर की उपलब्धता पर लगातार नजर रखने के लिए। भारत सरकार ने आपातकालीन आवश्यकता के लिए इसे रणनीतिक स्टॉक के रूप में बनाए रखने के लिए 50 लाख शीशियों की खरीद करने का भी निर्णय लिया है।