कौन हैं IPS प्रवीण सिन्हा? जो इंटरपोल के टॉप पैनल में करेंगे एशिया की नुमाइंदगी
नई दिल्ली, 25 नवंबर: इंटरपोल ने गुरुवार को भारत के आईपीएस अधिकारी प्रवीण सिन्हा को अपनी कार्यकारी समिति में एशिया से एक प्रतिनिधि के रूप में चुना है। तुर्की में आयोजित 89वें इंटरपोल महासभा के दौरान कार्यकारी समिति के लिए हुए चुनाव में प्रवीण सिन्हा को चुना गया। इस चुनाव में भारतीय उम्मीदवार को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा क्योंकि इस चुनाव में चीन, सिंगापुर, कोरिया गणराज्य और जॉर्डन की नजर कार्यकारी समिति के दो पदों पर थी।
भारत की चीन से थी कड़ी टक्कर
भारत ने दो पदों के लिए चुनाव लड़ा था। जानकारी के मुताबिक इन चुनावों को लेकर भारतीय उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बनाने के लिए काफी दिनों से प्रयास जारी थे।सूत्रों ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर द्विपक्षीय सम्पर्कों से मित्र देशों से महत्वपूर्ण समर्थन मांगा गया और भारतीय दूतावास एवं उच्चायोग भी संबंधित देशों से सम्पर्क करते रहे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में राजदूतों और उच्चायुक्तों से भी इसी तरह का संपर्क किया गया। भारतीय दूतावासों और उच्चायोगों ने भी इस चुनाव में अपनी भूमिका निभाई। सूत्र ने कहा, आज की जीत दुनिया भर में एक गहन और अच्छी तरह से समन्वित चुनाव अभियान का परिणाम है। इंटरपोल अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराधों, आतंकवाद और साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण निकाय है। इस बीच, इंटरपोल ने संयुक्त अरब अमीरात के एक विवादास्पद अधिकारी को अपना नया अध्यक्ष चुना।
सीबीआई में कई अहम पदों पर रहे हैं प्रवीण सिन्हा
वहीं अगर बात आईपीएस प्रवीण सिन्हा की करें तो वे केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के विशेष निदेशक हैं। प्रवीण सिन्हा पूर्व में सीबीआई के एक्टिंग चीफ के तौर पर भी कार्यभार संभाल चुके हैं। उन्हें पूर्व सीबीआई डायरेक्टर ऋषि कुमार शुक्ला की जगह पर यह जिम्मेदारी मिली थी। प्रवीण सिन्हा का सीबीआई में लंबा कार्यकाल रहा है और वह एजेंसी में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए, बड़े-बड़े मामले को सुलझाने और उजागर करने में शामिल रहे हैं। वो 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।
इन केसों को कर चुके हैं सॉल्व
प्रवीण सिन्हा 2000 और 2021 के बीच दो दौर में केंद्रीय जांच एजेंसी में एसपी, डीआईजी, ज्वाइंट डायरेक्टर और अभी एडिश्नल डायरेक्टर जैसे अहम पदों का जिम्मा संभाल चुके हैं। उन्होंने 1996 में एसीबी, अहमदाबाद में डिप्टी डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया है। प्रवीण सिन्हा सुप्रीम कोर्ट/हाई कोर्ट से निर्देशित या निगरानी वाले कई घोटालों की जांच से भी जुड़े रहे हैं,जिनमें बैंकों में बड़ी धोखाधड़ी, वित्तीय अपराध और सीरियल बम धमाके आदि शामिल हैं। ' इनके अलावा वो कैट (CAT) और ऑल इंडिया प्री मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट (AIPMT) में पेपर लीक को उजागर करने में भी बड़ी भूमिका निभा चुके हैं।
क्रिमिनल लॉ में रिफॉर्म में निभा चुके हैं अहम भूमिका
प्रवीण सिन्हा को 15 वर्षों बाद सीबीआई के क्राइम मैनुअल को संशोधित करने की भी जिम्मेदारी दी जा चुकी है। इसके अलावा वो देश के भ्रष्टाचार विरोधी संगठन केंद्रीय सतर्कता आयोग में 2015-18 के बीच अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। जोशी के मुताबिक प्रवीण सिन्हा ने सीबीआई के क्राइम मैनुअल को 2020 में ड्राफ्ट करने से पहले 2017 में केंद्रीय सतर्कता आयोग के विजिलेंस मैनुअल को भी ड्राफ्ट किया था। जोशी ने बताया है कि वो कई अभिनव और सुधार पहल में भी शामिल रहे हैं। सीवीसी की ओर से बनाई गई कई रिफॉर्म कमिटी में वह बतौर सदस्य शामिल रह चुके हैं। इनके अलावा गृह मंत्रालय ने क्रिमिनल लॉ में रिफॉर्म के लिए जो कमिटी गठित की हुई है, वो उसके भी सदस्य हैं।
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