मणिपुर हिंसा: CBI ने दर्ज की 6 FIR, साजिश की जांच के लिए गठित की गई स्पेशल टीम
बीते कई दिनों से चल रही जातीय हिंसा के पीछे साजिश का पता लगाने के लिए सीबीआई ने 6 के खिलाफ FIR दर्ज की हैं।
मणिपुर हिंसा के पीछे कथित साजिश की जांच के लिए सीबीआई ने 6 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैं। सीबीआई ने मणिपुर दंगों के मामलों की जांच के लिए डीआईजी रैंक के अधिकारी के तहत विशेष जांच दल का गठन किया हैं।
मणिपुर सरकार सीबीआई जांच के जरिए 6 मामलों पर ये पता लगाना चाहती है कि ये एक सामान्य साजिश का मामला है या फिर ये जातीय हिंसा पूर्व नियोजित थी।
वहीं, इस मामले में गृह मंत्रालय ने सीबीआई जांच के लिए मणिपुर हिंसा के छह मामले डीओपीटी को भेजे हैं। अपनी मणिपुर यात्रा के दौरान, गृह मंत्री ने घोषणा की कि सभी पंजीकृत मामलों में से 5 चिह्नित मामलों सहित 6 मामलों और सामान्य साजिश के एक मामले की जांच सीबीआई की विशेष टीम द्वारा की जाएगी।
मणिपुर में लगातार हो जातीय हिंसा के बीच शांति कायम करने पर सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा कि इलाकों में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में राज्य मंत्री और विधायक दौरा कर रहे हैं। वहीं, लोगों को विस्थापित करने के लिए गृह मंत्रालय ने 101.75 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मंजूरी दी है।
वहीं, मणिपुर दौरे पर आए गृहमंत्री अमित शाह भी इंफाल में मणिपुर पुलिस, सीएपीएफ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। साथ ही मणिपुर की शांति और समृद्धि को सबसे बड़ी प्राथमिकता बताया। इसके साथ ही उन्होंने शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया।
बता दें कि मणिपुर में आदिवासियों को लेकर कुछ खास कानून हैं, जिसके तहत वे पहाड़ी इलाकों में रह सकते हैं। वहीं, मैतई समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा न मिलने के कारण वो पहाड़ी इलाकों में नहीं बस सकते हैं। जिसके लिए मैतेई समाज खुद को अनुसूचित जाति का दर्जा हासिल करवाने की मांग कर रही है। इस कारण कुकी और मैतेई समाज में जातीय संघर्ष चल रहा है।
मणिपुर में 3 मई को मैतई और कुकी समुदाय में अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग के विरोध में हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, कई लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं।