क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

मोदी की नई खोज एस जयशंकर ने ली शपथ, भारत को बनाएंगे ग्लोबल लीडर

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार पीएमओ पहुंचने वाले गैर-कांग्रेसी राजनेता हैं। उनकी कैबिनेट के मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई। सभी कैबिनेट मिनिस्‍टर्स में एक नाम चौंकाने वाला था और वह नाम रहा पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर का। जयशंकर ने सारे समीकरणों और सभी राजनीतिक पंडितों को हैरान करते हुए पीएम मोदी की सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर एंट्री ली है। एस जयशंकर वही अधिकारी हैं जिन्‍होंने अमेरिका के साथ हुई परमाणु डील में अहम रोल अदा किया था। जानिए कौन हैं जयशंकर...

चार दशकों का अनुभव

चार दशकों का अनुभव

सूत्रों की ओर से जैसे ही यह जानकारी मिली कि जयशंकर को देश का अगला विदेश मंत्री बनाया जा सकता है, हर कोई हैरान रह गया। लेकिन जब उनके पिछले रिकॉर्ड को खंगाला गया तो समझ में आ गया कि उनके अनुभव को देखते हुए उन्‍हें यह पद सौंपा गया हे। जयशंकर देश के अकेले ऐसे अधिकारी हैं जिनके पास विदेश मंत्रालय में बतौर विदेश सचिव सेवा करने का चार दशकों का अनुभव है। एस जयशंकर को इसी वर्ष मार्च में राष्‍ट्रपति की तरफ से पद्मश्री से नवाजा गया है।

डोकलाम विवाद को सुलझाने में बड़ा रोल

जयशंकर को एक ऐसे अधिकारी के तौर पर जाना जाता है जिन्‍होंने पीएम मोदी की विदेश नीति को एक सही आकार देने का काम किया। जनवरी 2015 में उन्‍हें विदेश सचिव नियुक्‍त किया गया और उस समय उनकी नियुक्ति ने विवाद भी पैदा किया। जयशंकर रिटायर होने वाले थे और उन्‍हें सुजाता सिंह की जगह विदेश सचिव बनाया गया था। एस जयशंकर को चीन से जुड़े मसलों का अच्‍छा-खासा अनुभव है। वह चीन में बतौर राजदूत रहे हैं और उनके कार्यकाल में ही लद्दाख के डेपसांग और फिर जून 2017 में डोकलाम विवाद हुआ था। जयशंकर ने बखूबी इन मसलों को सुलझाया था। कहते हैं कि जयशंकर ने ही चीन के साथ पर्दे के पीछे बातचीत को आगे बढ़ाया और विवाद को सुलझाया।

परमाणु डील के नायक

परमाणु डील के नायक

साल 2007 में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तो उनके कार्यकाल में अमेरिका के परमाणु डील हुई। इस डील की शुरुआत साल 2005 में हो गई थी लेकिन इसे अंजाम तक पहुंचने में काफी टाइम लग गया था। जब यह डील सील हुई तो इसे एक मील का पत्‍थर माना गया और इसका श्रेय जयशंकर को दिया गया। एस जयशंकर 1977 बैच के आईएफएस ऑफिसर हैं। कहा जाता है कि जब साल 2013 में बतौर विदेश सचिव रंजन मथाई रिटायर होना चाहते थे तो तत्‍कालीन पीएम मनमोहन सिंह के जयशंकर को नियुक्‍त करना चाहते थे। लेकिन कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसका विरोध किया और सुजाता सिंह को विदेश सचिव बनाया गया।

रिटायरमेंट के बाद जुड़े टाटा ग्रुप से

रिटायरमेंट के बाद जुड़े टाटा ग्रुप से

जयशंकर को मॉस्‍को के अलावा यूरोप के कई देशों नियुक्‍त किया जा चुका है। इसके अलावा वह टोक्‍यो में भी नियुक्‍त रहे हैं। एस जयशंकर ने बतौर प्रथम सचिव और भारतीय पीसकीपिंग मिशन के साथ एक राजनीतिक सलाहकार के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी हैं। रिटायरमेंट के बाद वह सरल 2018 में वह टाटा ग्रुप के साथ जुड़ गए और यहां पर उन्‍हें ग्‍लोबर कॉरपोरेट अफेयर्स का जिम्‍मा सौंपा गया।

Comments
English summary
cabinet ministers of india 2019: Former Foreign Secretary Subrahmanyam Jaishankar takes oath as Union Minister
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X