क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अधिकारी ने खुद की शौचालय के मल की सफाई, हाथ में भी उठाया

लोगों में शौचालय से जुड़ी सामाजिक शर्मिंदगी को दूर करने के लिए 23 राज्यों के करीब दर्जन भर अधिकारियों के साथ केन्द्रीय स्वच्छता सचिव ने 6 शौचालयों के गड्ढों की सफाई की।

By Anujkumar Maurya
Google Oneindia News

हैदराबाद। यूं तो आपने अधिकारियों को स्वच्छता की बातें करते खूब देखा होगा, लेकिन क्या कभी किसी अधिकारी को खुद सफाई करते देखा है? केन्द्रीय स्वच्छता सचिव परमेश्वरन अय्यर ने खुद शौचालय साफ करके एक ऐसी ही मिसाल पेश की है। शनिवार को सुबह वह 23 राज्यों के करीब दर्जन भर अधिकारियों के साथ लंबी बस यात्रा करके हैदराबाद से तेलंगाना स्थित वारंगल पहुंचे। लोगों में शौचालय से जुड़ी सामाजिक शर्मिंदगी को दूर करने के मकसद से सभी ने गंगादेवीपल्ली गांव में 6 शौचालयों के गड्ढों की सफाई की।

toilet अधिकारी ने खुद की शौचालय के मल की सफाई, हाथ में भी उठाया
ये भी पढ़ें- स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने शौचालय में चल रही है किराने की दुकान

अय्यर के अनुसार इस अभियान में भाग लेने वाले अधिकारी अपने साथ एक बोतल कंपोस्ट खान भी लाए थे, ताकि ग्रामीणों को समझाया जा सके कि जैविक कंपोस्ट खाद न सिर्फ फायदेमंद होती है, बल्कि इसका कोई नुकसान भी नहीं होता है। अय्यर ने कहा कि लोगों को अक्सर शौचालय के गड्ढों की सफाई करने में बेहद शर्मिंदगी महसूस होती है और वारंगल में खुद इन गड्ढों की सफाई करने की पीछे अधिकारियों का उद्देश्य इसी शर्मिंदगी को खत्म करना था। लोगों की शर्मिंदगी को दूर करने के लिए अधिकारियों ने कंपोस्ट खाद को हाथ में भी उठाया। ये भी पढ़ें- घर में टॉयलेट बनवाकर फंसा परिवार, सरकार ने नहीं दिया पैसा, बेटा हो गया कैद

उन्होंने बताया कि कंपोस्ट खाद गाढ़े भूरे रंग के कॉफी पाउडर जैसा दिखता है। वह लोगों को समझाना चाहते थे कि दो गड्ढों वाले शौचालय ग्रामीण इलाकों के लिए सबसे बेहतर और सुरक्षित विकल्प हैं। खुद सफाई करके वह यह भी दिखाना चाहते थे कि इस तरह के शौचालय की सफाई भी बेहद आसान होती है। एक गड्ढा भर जाने पर उसे कुछ महीने बंद कर देने के बाद उसके अंदर भरा मल कंपोस्ट खाद में बदल जाता है। अधिकारियों की इस टीम के साथ स्वच्छता और साफ-सफाई के क्षेत्र से जुड़े 2 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी थे। आपको बता दें कि साल 2007 में यह गांव भारत का पहला ऐसा गांव बन गया था, जहां खुले में शौच करने की आदत से पूरी तरह मुक्ति पा ली गई थी।

Comments
English summary
bureaucrat cleans toilet pit in warangal village of telangana
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X