Budget 2023: 'मैं मिडिल क्लास से हूं...' मध्यम वर्ग को बड़ा संकेत दे रही हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ?
Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट से पहले मध्यम वर्ग को थोड़ा खुश होने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा है कि इस वर्ग से ताल्लुक रखने के चलते वह इनका प्रेशर समझती हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आने वाले बजट घोषणा से पहले मध्यम वर्ग के लिए बहुत बड़ा संकेत दिया है। उन्होंने कहा है कि मिडिल क्लास के लोगों पर क्या प्रेशर रहता है, वह बहुत अच्छी तरह से समझती हैं, क्योंकि खुद वो भी इसी वर्ग से ताल्लुक रखती हैं। आम बजट से पहले देश की वित्त मंत्री का इस वर्ग की तकलीफ को समझना बहुत बड़ी बात है। क्योंकि, यह वर्ग केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से उसके दूसरे कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट से काफी उम्मीदें पाले बैठा है। सबसे बड़ी उम्मीद तो आयकर में राहत और स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी से जुड़ी हुई हैं।
मैं मिडिल क्लास से हूं...निर्मला सीतारमण
आम बजट 2023-24 से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास के लोगों को लेकर बहुत बड़ा संकेत दिया है। रविवार को वित्त मंत्री ने कहा है कि उन्हें मध्यम वर्ग के दबाव के बारे में जानकारी है, लेकिन साथ ही यह भी याद कराया है कि मौजूदा सरकार ने इस वर्ग पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया है। निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को साल 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं और इसको लेकर काफी उम्मीदें हैं कि बाकी चीजों के अलावा आयकर की सीमा बढ़ाकर सरकार मध्यम-वर्ग के आयकरदाताओं को थोड़ी राहत जरूर देगी।
'मैं मध्यम वर्ग के प्रेशर को समझ सकती हूं'
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े साप्ताहिक पाञ्चजन्य मैगजीन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा है, 'मैं भी मिडिल क्लास से हूं, इसलिए मैं मध्यम वर्ग के प्रेशर को समझ सकती हूं। मैं खुद को मध्यम वर्ग के रूप में ही पहचानती हूं, इसलिए मैं जानती हूं। ' हालांकि, इसके साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी याद दिलाने में देरी नहीं कि मौजूदा मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग पर कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया है। उन्होंने ये भी कहा कि 5 लाख रुपए तक की आय पर आयकर से छूट है।
'सरकार उनके लिए.........आगे भी करती रहेगी'
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 27 शहरों में मेट्रो रेल नेटवर्क के विस्तार और 100 स्मार्ट सिटी के निर्माण के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा मिल सके। मंत्री ने भरोसा दिया है कि सरकार मध्यम वर्ग के लिए और ज्यादा कर सकती है, क्योंकि इसकी जनसंख्या बढ़ रही है, और अब इनकी तादाद काफी ज्यादा हो चुकी है। उन्होंने बिना किसी वादे के साथ कहा कि 'मुझे उनकी दिक्कतों के बारे में अच्छी तरह मालूम है। सरकार ने उनके लिए काफी कुछ किया है और यह आगे भी करती रहेगी।'
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सेहत काफी सुधरी है-वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार 2020 से हर बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर पर लागत बढ़ाती जा रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में इसे 35 फीसदी बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपए किया गया है, जिससे अर्थव्यवस्था पर बहुत ज्यादा प्रभाव ( multiplier effect)पड़ा है। उन्होंने कहा है कि सरकार की कोशिशों से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनरुद्धार में मदद मिली है। इससे NPA (non-performing assets ) कम हुआ है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सेहत काफी सुधरी है।
पाकिस्तान के साथ व्यापार पर क्या बोलीं वित्त मंत्री ?
वहीं किसानों के बारे में केंद्रीय वित्त मंत्री ने सरकार की इस प्रतिबद्धता को दोहराया है कि वह उनकी आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। जबकि, पाकिस्तान के साथ व्यापार के बारें में वो बोलीं कि पड़ोसी देश ने कभी भी भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देने का ऑफर नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ कारोबारी संबंध 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले के समय से प्रभावित है।
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