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Budget 2023 Congress की नजर में अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ाने वाला, पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम क्या बोले ?

आम बजट 2023 को सरकार भविष्य के नजरिए से बेहद फायदेमंद बता रही है। हालांकि, कांग्रेस ने इस बजट को अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ाने वाला करार दिया है।

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budget 2023

Budget 2023 पर पहली प्रतिक्रिया में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, गरीब और अमीर के बीच चौड़ी होती खाई से सरकार को कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण से पता चलता है कि सरकार जनता के बीच अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता के बारे में परवाह नहीं करती है।

गरीब तबके को कोई फायदा नहीं

बकौल चिदंबरम, सरकार जीवन और आजीविका के बारे में लोगों की चिंताओं की परवाह नहीं करती। उन्होंने कहा, वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने भाषण में कहीं भी बेरोजगारी, गरीबी या असमानता जैसे शब्दों का जिक्र नहीं किया। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सवाल किया, इस बजट से किसे फायदा हुआ है? निश्चित रूप से गरीब तबके को कोई फायदा नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, नौकरी की तलाश में भटक रहे युवाओं को भी बजट 2023 से कुछ खास नहीं मिला है। नौकरी से निकाले गए युवा भी निराश हुए हैं। बड़ी संख्या में करदाताओं को भी फायदा नहीं हुआ है। गृहिणी को भी फायदा नहीं हुआ है।

'बेरोजगार' की अनदेखी, दो बार 'गरीब' शब्द !

चिदंबरम ने कहा, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में एक बार भी 'बेरोजगारी' शब्द का उल्लेख नहीं किया। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने 2024 के लोकसभा चुनाव से एक साल पहले सीतारमण के 5वें बजट भाषण की आलोचना करते हुए कहा, वित्त मंत्री ने अपने भाषण में 'गरीबी', 'असमानता' या 'समानता' शब्द का उल्लेख नहीं किया। चिदंबरम ने तंज कसते हुए कहा कि "दयालुता दिखाते हुए उन्होंने अपने भाषण में दो बार 'गरीब' शब्द का इस्तेमाल किया। मुझे यकीन है कि लोग इस बात पर जरूर ध्यान देंगे कि सरकार किसकी चिंता करती है और किन लोगों की उसे परवाह नहीं है।

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विशेषज्ञों ने की सराहना

चिदंबरम ने कहा कि सरकार नई कर व्यवस्था पर जोर दे रही है, जिसके दायरे में बहुत कम लोग हैं। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट होगी जो पूरी तरह से अनुचित है और सामाजिक सुरक्षा के सामान्य करदाता को लूट लेगी। कांग्रेस की आलोचना से इतर, कई विशेषज्ञों और व्यापार जगत के नेताओं ने निर्मला सीतारमण के बजट 2023 की सराहना की है। सरकार ने 7 लाख रुपये तक की आय को कर-मुक्त करने की घोषणा की है। विपक्ष ने बजट को अवसरवादी करार दिया और कहा कि सरकार ने किसानों और गरीबों के लिए कुछ भी घोषणा नहीं की है।

कांग्रेस बोली- ओवर प्रॉमिस, अंडर डिलीवर

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि बजट OPUD की रणनीति पर आधारित है- वादे ज्यादा, काम कम। उन्होंने कहा कि "पिछले साल के बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा और अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए आवंटन हुई थी, जिसके लिए सरकार की सराहना हुई, लेकिन आज वास्तविकता स्पष्ट है। वास्तविक व्यय बजट की तुलना में काफी कम है। यह हेडलाइन प्रबंधन की मोदी की OPUD रणनीति है- ओवर प्रॉमिस, अंडर डिलीवर।"

बजट से मध्यम वर्ग को धोखा : शिवसेना

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, "नई व्यवस्था में 7 लाख तक की कर छूट का ऐलान किया गया, लेकिन टैक्स के बोझ को कम करने का दावा किया जा सकता है। हालांकि, एक मध्यम आय वाले व्यक्ति जिसे 80C (जैसे होम लोन) के माध्यम से अपनी संपत्ति के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता था, अब सरकार ने इसे हटा दिया है। बजट 2023 मध्यम वर्ग को धोखा दे रहा है !

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English summary
budget 2023 congress p chidambaram growing inequality between rich and poor
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