ब्रेन डेड हुई महिला तो परिवार ने उसका लिवर दान कर बचाई दो जानें
नई दिल्ली। बीते सप्ताह ब्रेन डेड हुई संध्या गौतम नाम का 32 साल की महिला के परिवार ने उसके अंग दान करने का फैसला किया। संध्या के दोनों लिवर दान कर दो लोगों की जान बचाई गई। हालांकि संध्या के पिता जय भगवान जाटव को दुख है कि वह अब नहीं जी सकेगी लेकिन जब संध्या को ब्रेन डेड घोषित किया गया तो उन्होंने उसके अंग दान का फैसला किया।
'बेटी खुद होती तो वो भी यही फैसला करती'
जय भगवान जाटव ने कहा कि 'अगर मेरी जगह मेरी बेटी बोल पाती तो वह भी यही फैसला लेती। वह हमेशा से लोगों की मदद करना चाहती थी।' जय भगवान जाटव को उनके कुछ दोस्तों रिश्तेदारों ने रोका और कहा कि संध्या का दिल धड़क रहा था उन्हें इंतजार करना चाहिए था, संध्या ठीक हो सकती थी।
और रुकते तो ट्रांसप्लांट के लिए स्वस्थ नहीं बचते अंग
संध्या के ब्रेन डेड होने के बाद एक सप्ताह तक इंतजार किया गया कि वह ठीक हो जाए। लेकिन यदी ट्रांसप्लांट के लिए और इंतजार करने पर संध्या के अंग उतने स्वस्थ न रहते। लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ निरव गोयल ने कहा कि हमने एक साल से ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे दो मरीजों को बुलाया। हमें उम्मीद थी कि हम दो में से एक को तो लिवर दे ही सकेंगे लेकिन जब हमे मालूम हुआ कि संध्या का लिवर स्वस्थ है तो हमने उसे दोनों लोगों में बांटकर ट्रांसप्लांट कर दिया।
काम करना बंद कर चुकी थीं संध्या की किडनियां
जाटव ने बताया कि संध्या बीते 4 सालों से क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थी 2014 में उसकी किडनी में इंफेक्शन सामने आया को इस साल मार्च तक उसकी दवाइयां चलीं और 18 मार्च को उसे अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। टेस्ट में मालूम हुआ कि संध्या की दोनों किड्नियों ने काम करना बंद कर दिया है। उसे सप्ताह में 3 बार डायलिसिस के लिए लाया जा रहा था लेकिन अचानक उसे ब्रेन हैमरेज हो गया जिससे उसका ब्रेन डेड हो गया।
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