#MacronInVaranasi: वाराणसी में गंगा घाटों से आ रही बदबू दूर करने के लिए बहाया गया इत्र!
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों तीन दिवसीय भारत दौरा पूरा करके अपने देश वापस लौट गए। उनके जाते ही अब एक नया विवाद शुरू हो गया है।कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि गंगा के घाटों पर आ रही बदबू को दबाने के लिए इत्र का सहारा लिया था। हालांकि बीजेपी ने कांग्रेस के इन आरोपों को बकवास करार दिया है।
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नई दिल्ली। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों तीन दिवसीय भारत दौरा पूरा करके अपने देश वापस लौट गए। उनके जाते ही अब एक नया विवाद शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रपति मैंक्रों सोमवार को उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में थे। यहां पर उन्होंने अस्सी घाट का दौरा किया और नाव की सवारी की। अब कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि गंगा के घाटों पर आ रही बदबू को दबाने के लिए इत्र का सहारा लिया था। हालांकि बीजेपी ने कांग्रेस के इन आरोपों को बकवास करार दिया है।
उड़ेला गया टनों इत्र
पीएम मोदी और मैंक्रों ने सोमवार को वाराणसी का दौरा किया था। मोदी और मैंक्रों ने दौरान जहां घाट पर गए तो दोनों ने नौका विहार भी किया। मैंक्रों के स्वागत के लिए वाराणसी में लोगों का भारी हुजूम उमड़ा था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस दौरान मौजूद थे। कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि मैंक्रों के आने से पहले बीजेपी ने घाटों की कॉस्मेटिक सर्जरी की। अजय राय के आरोपों पर वाराणसी के कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण का कहना है कि गंगा में किसी तरह का इत्र नहीं डाला गया था। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि लोगों को ऐसी अफवाहें नहीं उड़ाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि नालों को होर्डिंग्स से ढंकने की कोशिश नहीं की गई, बल्कि कई जगहों पर अलग-अलग सपोर्ट के होर्डिंग्स लगाए गए थे।
घाटों की हालत बद से बदतर
मैंक्रों सोमवार रात दिल्ली से वापस लौट गए और उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर वाराणसी दौरे से जुड़ी कई फोटोग्राफ्स भी अपलोड की हैं। कांग्रेस नेता अजय राय की मानें तो वह अपनी एक टीम के साथ घाटों का रियल्टी चेक करने भी गए और उनकी टीम ने सुबह अस्सी से दशाश्वमेध घाट तक का जायजा लिया। अजय राय कहते हैं कि पीएम मोदी और मैंक्रों के वापस लौटते ही घाटों की हालत और बुरी हो गई है। उन्होंने बताया कि भदैनी घाट के पास के नालों को पोस्टर्स से ढंकने की फोटो सोमवार को खूब वायरल हुई। उनका कहना था कि यहां पर बने पेशाब घरों की स्थिति ऐसी है कि बिना नाक दबाए नहीं रह पाएंगे। अजय राय ने सरकार पर आरोप लगाया कि पूरा दौरा सरकार ने इवेंट मैनेजमेंट किया था।
घाटों पर मौजूद गंदगी
अजय राय की बात को भले ही बीजेपी और सरकार खारिज करे लेकिन जो तस्वीरें सामने आईं हैं, उनके साफ नजर आ रहा है कि कैसे घाटों पर गंदगी फैली है। दोनों को यहां से गए हुए 24 घंटे हो गए हैं लेकिन इसके बाद भी गंदगी पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। कांग्रेस के जिला यूथ कॉर्डिनेटर राघवेंद्र चौबे की मानें तो इत्र डालने की वजह से गंगा का पानी और काला हो गया है। किनारे पर सिल्ट इकठ्ठा होने लगा है। उनका कहना था कि कई क्विंटल माला फूल, गिलास, कचरा बिखरा पड़ा है। उन्होंने कहा कि आज के दिन बीजेपी को अपील करनी चाहिए थी कि सभी लोग आकर घाटों पर स्वछता अभियान चलाए, ताकि घाट साफ रहे।
12 घाटों को निहारा था मैंक्रों ने
पीएम मोदी और मैंक्रों ने सोमवार को अस्सी घाट से कैलाश नामक नाव से गंगा की 500 मीटर तक दूरी तय की थी। 20 मिनट की इस बोट राइड में करीब 12 घाटों का कवर किया गया था। अस्सी से शुरू हुआ यह सिलसिला दशाश्वमेध घाट पर खत्म हुआ। मैंक्रों का वाराणसी में जोर-शोर से स्वागत हुआ। यहां पर जहां-जहां से मोदी और मैंक्रों गुजरे वहां पर फूलों की बरसात हुई, शहनाई बज रही थी और नाव की सवारी से पहले मंत्रोच्चार किया गया। घाटों पर लोगों की भीड़ उमड़ी थी। लोग भारत और फ्रांस के झंडे लेकर दोनों का स्वागत कर रहे थे।