मध्य प्रदेश में फिर खिला 'कमल', शिवराज चौहान चौथी बार बने मुख्यमंत्री
भोपाल। शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने सोमवार रात 9 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण की। इससे पहले सोमवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुन लिया गया। बैठक में पर्यवेक्षक बनाए गए राष्ट्रीय महासचिव अरुण और एमपी के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। बता दें कि , कांग्रेस के 22 विधायकों के बगावत करने और सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसके बाद, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 20 मार्च को पद से इस्तीफा दे दिया था।
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भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार की रात को आयोजित समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। चौहान ने राजभवन में सीमित संख्या में मौजूद लोगों की मौजूदगी में आयोजित समारोह में चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण करने के बाद चौहान ने जनता कर्फ्यू की सफलता का जिक्र करते हुए लोगों से आह्वान किया है।
शपथ के बाद CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, मैं राज्यपाल से मिलकर सीधे बल्लभ भवन सचिवालय जाऊंगा और हम कोरोना के खिलाफ जनता के साथ मिलकर युद्ध की शुरूआत करेंगे। मैं सभी साथियों से अपील करता हूं ये जश्न मनाने का समय नहीं। मैं जनता के प्रेम के प्रति और केंद्र के नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने फिर से मेरे ऊपर भरोसा किया है।
मुख्यमंत्री बनने के बाद पीेएम नरेंद्र मोदी ने शिवराज चौहान को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर श्री शिवराज चौहान जी को बधाई। वह एक सक्षम और अनुभवी प्रशासक हैं जो मध्य प्रदेश के विकास के बारे में बेहद भावुक हैं। राज्य को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उन्हें शुभकामनाएं।चौहान इससे पहले तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे पहली बार वह 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, इसके बाद वह 12 दिसंबर 2008 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने, फिर आठ दिसंबर 2013 में तीसरी बार शपथ ली थी।
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