Karnataka: 'यह मेरे लिए सिरदर्द है...,' BJP विधायक केएस ईश्वरप्पा ने Azaan को लेकर दिया विवादित बयान
'अजान' को लेकर एक जनसभा के दौरान बीजेपी विधायक केएस ईश्वरप्पा ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, हम धार्मिक हैं, लेकिन पूजा के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं करते हैं। अगर आपको...
Karnataka News: मंगलुरु में बीजेपी विधायक केएस ईश्वरप्पा ने 'अजान' को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक जनसभा में कहा कि, 'मैं जहां भी जाता हूं यह (अजान) मेरे लिए सिरदर्द होती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह जल्द ही समाप्त हो जाएगी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है। पीएम मोदी ने सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए कहा, लेकिन मुझे पूछना चाहिए कि क्या अल्लाह केवल तभी सुन सकता है जब आप माइक्रोफोन पर चिल्लाते हैं?
भारतीय जनता पार्टी के नेता केएस ईश्वरप्पा ने 'अजान' पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि, 'लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल नमाज के लिए किया जाता है, तो इससे पता चलता है कि 'अल्लाह बहरा है'। उन्होंने यह भी कहा कि अजान से उनके सिर में दर्द होता है। दरअसल, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तभी पास की एक मस्जिद से अजान की अवाज आने लगी। इसके बाद ईश्वरप्पा ने पूछा कि क्या अजान के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने पर ही अल्लाह नमाज सुनेगा।
उन्होंने कहा कि, 'मंदिरों में लड़कियां और महिलाएं प्रार्थना और भजन करती हैं। हम धार्मिक हैं, लेकिन हम लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं करते हैं। अगर आपको लाउडस्पीकर से नमाज अदा करनी है, तो इसका मतलब है कि अल्लाह बहरा है।' उन्होंने कहा कि, 'मैं जहां भी जाता हूं, इससे मेरा सिरदर्द करता है। मुझे कोई संदेह नहीं है कि जल्द ही समाप्त हो जाएगी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला जल्द ही आएगा।
'यहां तक कि हम हिंदू भी मंदिरों में प्रार्थना करते हैं, श्लोक और भजन गाते हैं, हम उनसे ज्यादा आस्था रखते हैं और यह भारत माता है जो धर्मों की रक्षा करती है, लेकिन अगर आप कहते हैं कि अल्लाह केवल तभी सुनता है जब आप माइक्रोफोन से प्रार्थना करते हैं तो मुझे सवाल करना चाहिए कि क्या वह बहरा है, उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हल किया जाना चाहिए।'
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दरअसल, जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक आपात स्थिति को छोड़कर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। शीर्ष अदालत ने प्रतिबंध के पीछे कारण के रूप में ध्वनि प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों का हवाला दिया। बाद में अक्टूबर 2005 में अदालत ने कहा कि लाउडस्पीकरों को साल में 15 दिनों के लिए उत्सव के अवसरों पर आधी रात तक इस्तेमाल करने की अनुमति दी जा सकती है।