लखनऊ से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों का केस लड़ने के जमीयत के फैसले पर भाजपा नेता ने उठाए सवाल, कही ये बात
संदिग्ध आतंकियों का केस लड़ने के जमीयत के फैसले पर भाजपा नेता ने उठाए सवाल
नई दिल्ली, 15जुलाई: उत्तर प्रदेश के लखनऊ से आतंक के आरोपों में गिरफ्तार किए गए दो लोगों को जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कानूनी मदद देने का ऐलान किया है। जमीयत के फैसले पर भाजपा नेता नलिन कोहली ने सवाल खड़े किए हैं। नलिन कोहली ने कहा है कि कानूनी मदद पाने का हक सभी का है, लेकिन इसके पीछे रानजीतिक कारण लगते हैं। कोहली ने कहा कि क्या किसी ऐसे शख्य को भी ये संगठन ने मदद करेगा, जो आतंकी हमले में जख्मी हुआ हो।
नलिन कोहली ने गुरुवार को कहा, हर व्यक्ति कानूनी मदद पाने का हकदार है लेकिन सवाल तब उठता है जब कोई संगठन राजनीतिक कारणों से आतंकी आरोपियों की कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला करता है। क्या ऐसे संगठन उन लोगों की मदद करेंगे जिन्होंने आतंकवाद की वजह से परेशानी उठाई है। जो आतंकी हमले के कारण घायल हुए या जो लोग अपने परिजनों को खो चुके हैं? क्या उन्हें इन संगठनों से कुछ मदद नहीं मिलनी चाहिए।
लखनऊ से हाल ही में एटीएस ने मिनहाज और मसीरुद्दीन नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक ये दोनों लोग अलकायदा से जुड़े हैं और आतंकी करतूतों में शामिल हैं। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद ने इनका केस लड़ने का एलान किया है। मुसीरुद्दीन और मिनहाज के बचाव के लिए जमीयत ने एडवोकेट नियुक्त किया है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना अरशद मदनी के आदेश पर आरोपियों को कानूनी सहायता दी जाएगी। जमीयत की ओर से कहा गया है कि फिलहाल आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं। मुकदमे की अगली सुनवाई पर आरोपियों के बचाव में एडवोकेट फुरकान अदालत में उपस्थित रहेंगे।
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