क्यों इंडियन आर्मी चीफ जनरल रावत ने कहा भारत को चीन से लेनी चाहिए सीख
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा पाकिस्तान और चीन के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारत को अपना रक्षा खर्च बढ़ाने की जरूरत।
नई दिल्ली। भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत से रक्षा खर्च के मामले में चीन से सीख लेने की जरूरत है। सुनकर यह बात आपको अजीब लग सकती है कि जिस पड़ोसी के साथ हमारा तनाव इस समय चरम पर है, सेना प्रमुख भला उससे सीख लेने को क्यों कह रहे हैं। सेना प्रमुख जनरल रावत ने गुरुवार को यह बात कही है।
सेनाओं को नहीं मिलता सही बजट
मेल टुडे के मुताबिक पाकिस्तान और चीन के साथ लगातार बढ़ते तनाव के बीच जनरल रावत ने इस बात पर जोर दिया कि नए दोस्त और साझीदार तलाशने से बेहतर होगा वेस्टर्न और नॉर्दन बॉर्डर मौजूद पड़ोसियों से निबटने की रणनीति तैयार की जाए। उनका इशारा अपने इस बयान के जरिए पाकिस्तान और चीन की तरफ था। जनरल रावत ने कहा कि भारत की सेनाओं को और ज्यादा ताकतवर बनाने की जरूरत है। जनरल रावत ने यह बात उस समय कही जब वह रक्षा से जुड़े एक थिंक टैंक को संबोधित कर रहे थे। जनरल रावत ने कहा कि जबकि भारत एक विकासशील अर्थव्यवस्थ है यहां की सेनाओं को जितना मिलना चाहिए उतना नहीं मिल रहा है। जनरल रावत का कहना था कि उनका मानना है कि इस पहलु पर भारत को चीन से सबक लेने की जरूरत है। जनरल रावत की मानें तो मिलिट्री और अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी किसी भी राष्ट्र की ताकत के दो अहम हिस्से होते हैं।
किसका रक्षा बजट कितना
भारत का रक्षा बजट वर्ष 2017-2018 के लिए 2.74 लाख करोड़ है और यह जीडीपी का सिर्फ 1.63 प्रतिशत ही है। वहीं चीन अपनी सेनाओं पर वर्ष 2017 में 152 बिलियन डॉलर खर्च करेगा और यह रकम उसकी जीडीपी का तीन प्रतिशत है। भारत के रक्षा बजट से चीन का रक्षा बजट करीब तीन गुना ज्यादा है। जनरल रावत से अलग कई रक्षा विशेषज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि सेनाओं का आधुनिकरण करने की प्रक्रिया काफी धीमी है। सरकार को इसके लिए और ज्यादा फंड देना चाहिए। सेना प्रमुख के मुताबिक भारत को इरान, इराक और अफगानिस्तान से सुरक्षा के लिहाज से अच्छे संबंध रखने चाहिए। सेना प्रमुख जनरल रावत की मानें तो कहा है रक्षा खर्च में बढ़ोतरी भारत की रणनीतिक अहमियत को बढ़ाएगा।
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