क्या नीतीश कुमार को साइलेंट महिला वोटरों पर है भरोसा?
क्या नीतीश कुमार को साइलेंट महिला वोटरों पर है भरोसा?
पटना: Bihar Election 2020 Results: बिहार विधानसभा चुनाव-2020 के लिए आज (मंगलवार 10 नवंबर) सुबह 8 बजे से 243 सीटों पर मतगणना शुरू हो जाएगी। आज ये फैसला हो जाएगा कि आने वाले पांच साल की कमान बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar)के पास होगी या फिर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के पास। 7 नवंबर को आए ज्यादातर एग्जिट पोल ( Bihar Exit Polls) में तेजस्वी यादव के महागठबंधन को बढ़त दे रहे हैं। लेकिन फिर भी एनडीए (BJP+JDU) को बिहार की साइलेंट महिला वोटरों से उम्मीद है। बिहार की महिला वोटरों ने विधानसभा और लोकसभा के पिछले तीन चुनावों में सबको चौंकाया है। बिहार में पिछले तीन चुनावों से महिला वोटरों का प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा रहा है और उसका फायद भी नीतीश कुमार को ही हुआ है। ऐसे में इस बार भी नीतीश कुमारको राज्य की महिला वोटरों पर पूरा भरोसा है।
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बिहार चुनाव: महिला या पुरुष, किसका वोट प्रतिशत रहा ज्यादा
बिहार चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल 57.05 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2015 में 56.66 प्रतिशत की तुलना में 0.39 प्रतिशत अधिक था। हालांकि, महिला मतदाताओं की संख्या 59.7 प्रतिशत थी, जो 60.4 प्रतिशत से कम है। विशेष रूप से, 2019 के लोकसभा चुनावों में महिला मतदाताओं के बीच मतदान प्रतिशत 59.5 प्रतिशत था।
दक्षिण बिहार के 16 जिलों के 71 सीटों पर मतदान के पहले चरण में पुरुषों ने 56.83 प्रतिशत मतदान किया वहीं 54.41 प्रतिशत महिलाओं ने किया। हालांकि, दूसरे चरण के चुनाव में 3 नवंबर को 17 जिलों की 94 सीटों पर महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों से अधीक था। महिलाओं ने 58.80 प्रतिशत और पुरुषों ने 52.92 प्रतिशत वोट किए थे।
इसी तरह, 7 नवंबर को तीसरे चरण में, महिला मतदाताओं की संख्या 65.54 प्रतिशत थी, जो इस बार के तीन चरण के विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक थी। बिहार के 38 में से 23 जिलों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की अधिक संख्या में मतदान हुआ।
नीतीश ने भी अपनी रैलियों में महिलाओं पर किया फोकस
नीतीश कुमार ने भी चुनावी रैलियों में महिलाओं पर ज्यादा फोकस किया। अपनी जनसभाओं में नीतीश कुमार ने महिलाओं को दिए जाने वाले प्रोत्साहन पैकेज पर जोर दिया था। नीतीश कुमार ने बताए थे कि कैसे उनकी सरकार ने छात्राओं के लिए पहल की है, जिसमें बहु-स्तरीय साइकिल योजना, 55,000 रुपये अनुदान और स्नातक स्तर तक अन्य लाभ और पंचायत स्तर पर महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण और 35 प्रतिशत आरक्षण शामिल हैं। सरकारी नौकरियों में भी महिलाओं को राज्य में अलग से लाभ दिया जाएग।
जनता दल-युनाइटेड (JDU) प्रमुख ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि शिक्षित लड़कियों के बीच प्रजनन दर पिछले कुछ वर्षों में कैसे कम हुई है। 2015 में, नीतीश कुमार ने राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाने के वादे पर लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल की थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद, नीतीश कुमार ने महिला मतदाताओं से किया अपना वादा पूरा किया था और राज्य के राजस्व को डुबोने की कीमत पर भी औपचारिक रूप से बिहार आबकारी (संशोधन) अधिनियम, 2016 पेश किया गया और शराब बंदी की गई।