आर्यभट्ट की प्रयोग नगरी को आज भी है सच्चे नेताओं का इंतजार
पटना (मुकुन्द सिंह)। जहानाबाद बॉडर से सटा विधानसभा क्षेत्र है मसौढ़ी। नक्सल गतिविधियों के चलते यदा-कदा इस क्षेत्र की चर्चा होती है। अंतिम बार यह क्षेत्र वर्ष 2009 में तब सुर्खियों मे आया था, जब देश विदेश के बड़े-बड़े वैज्ञानिक तारेगना से सूर्यग्रहण का नजारा देखने पहुंचे। आर्यभट्ट की प्रयोग नगरी मे पहुंचते ही सबसे पहला सामना अतिक्रमण से होगा। एनएच होने के बावज़ूद संकरी गली जैसी सड़क पर गाड़ियां घिसटती दिखती है।
सरकारी नलकुप भी बंद है। क्षेत्र के दरधा नदी पर बेर्रा बांध की योजना पिछले 25 सालों से लटकी हुई है। इससें प्रभावित रहे दस पंचायतों ने पिछले चुनाव मे वोट बहिष्कार भी किया था लेकिन कोई नतीजा नही निकला। आपको बताते चलें कि यहां का राजनीतिक मुकाबला भी कम रोचक नही हैं।
यहां पर पटना जिला परिषद की अध्यक्षा नूतन पासवान ''हम'' से चुनावी मैदान मे किस्मत आजमा रही है तो राजद ने धनरूआ प्रमुख रेखा देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है। लेकिन बसपा और सीपीआई-एमएल के उम्मीदवार यहां भी अपने कैडर वोट के भरोसे लड़ाई को बहुकोणीय बनाने में जुटे है।