भय्यू महाराज की बेटी कुहू के ट्रस्टी बनने का रास्ता साफ, जल्द होगी बैठक
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के इंदौर के संत भय्यू महाराज की बेटी कुहू का सद्गुर दत्त धार्मिक और पारमार्थिक ट्रस्ट में ट्रस्टी बनने का रास्ता साफ हो गया है। 22 सितंबर को कुहू के बालिग होने के बाद ट्रस्ट मंडल ने पुणे में कुहू के पास प्रस्ताव भेजा है। इस पत्र में कुहू से ट्रस्टी पद स्वीकार करने के लिए आग्रह किया गया है। कुहू की स्वीकृति मिलते ही श्राद्ध पक्ष के बाद ट्रस्ट मंडल की बैठक होगी। इसमें नियमानुसार कुहू को शामिल किया जाएगा। 11 सदस्यीय ट्रस्ट मंडल में उनका शामिल होना लगभग तय बताया जा रहा है। इससे पहले अगस्त में हुई बैठक में भी कुहू के ट्रस्टी बनाए जाने पर चर्चा हुई थी, लेकिन उस वक्त कुछ ट्रस्टियों ने इस चर्चा पर यह कहकर विराम लगा दिया था कि अभी कुहू बालिग नहीं है।
भांडवलकर के स्थान पर आयुषी को बनाया था ट्रस्टी
भय्यू महाराज की मौत के बाद आर्थिक संकट से जूझ रहे ट्रस्ट को पुन: स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में 28 जून को भय्यू महाराज की पत्नी डॉ. आयुषी को ट्रस्टी बनाया गया था। उनके ट्रस्टी बनाने का एक पक्ष ने विरोध भी जताया था। इसके बाद से ही कुहू को ट्रस्टी बनाने के प्रयास भी तेज हो गए थे।
खुद को गोली मारकर भय्यूजी महाराज ने की थी खुदकुशी
इसी साल जून के महीने में य्यूजी महाराज ने इंदौर स्थित अपने आवास पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। भय्यूजी महाराज उस समय चर्चा में आये थे जब अन्ना आंदोलन के समय उन्होंने सरकार के साथ बातचीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। उस आंदोलन के समय शरद यादव ने भय्यू जी महाराज की आलोचना भी की थी। वह पहले फैशन डिजाइनर थे बाद में अध्यात्म की ओर मुड़ गये थे।
सुसाइड नोट में थी ये बातें
खुदकुशी के कुछ दिन बाद ही भय्यूजी महाराज का सुसाइड नोट बरामद हुआ था। भय्यूजी ने लिखा था कि वह बहुत तनाव में दुनिया में छोड़ रहे हैं। उन्होंने इस सुसाइड नोट में लोगों से अपने परिवार की देखभाल करने की अपील की है। सुसाइड नोट के मुताबिक भय्यूजी महाराज ने ने कहा, ' मैं बहुत तनाव में दुनिया छोड़ रहा हूं। कोई मेरे परिवार की जिम्मेदारी ले। मैं तनाव से तंग आ चुका हूं।'