बंगाल चुनावी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने EC, केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब, सीएम ममता भी बनीं पक्षकार
नई दिल्ली, 1 जुलाई: बंगाल में चुनाव तो खत्म हो गए हैं, लेकिन उससे जुड़े विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहे। गुरुवार को बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें एसआईटी से जांच, मुआवजा और सुरक्षा मुहैया करवाए जाने की मांग शामिल थी। इस मामले को कोर्ट ने भी गंभीरता से लिया है। साथ ही चुनाव आयोग, पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार से जवाब मांगा। जवाब आने के बाद आगे की सुनवाई की जाएगी।
दरअसल बंगाल में जब टीएमसी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई तो कई इलाकों से हिंसा की खबरें आईं। बीजेपी का आरोप है कि राज्य की नई सरकार के इशारे पर विपक्ष के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया। साथ ही पुलिस ने मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़ी याचिकाएं दायर की गईं। जिसमें अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी पक्षकार बना दिया गया, लेकिन नोटिस में उनका नाम नहीं शामिल है। वहीं बंगाल सरकार, केंद्र और चुनाव आयोग को चार हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा गया।
बंगाल: चुनाव बाद हिंसा मामले में NHRC ने हाईकोर्ट में सौंपी रिपोर्ट, 2 जुलाई को अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता
ने
रखीं
कई
बातें
बंगाल
हिंसा
पर
दायर
याचिका
में
कहा
गया
कि
राज्य
से
बड़ी
संख्या
में
लोग
पलायन
करके
असम
और
दूसरे
राज्यों
की
ओर
जा
रहे
हैं।
ऐसे
में
उनके
पुनर्वास
की
व्यवस्था
करने
का
आदेश
दिया
जाए।
साथ
ही
केंद्र
को
राज्य
में
राष्ट्रपति
शासन
लागू
करने
के
आदेश
देने
की
मांग
की
गई।
इसके
अलावा
सुरक्षा
की
दृष्टि
से
वहां
पर
अर्धसैनिक
बलों
की
तैनाती
करने
को
कहा
गया।
इस
पर
कोर्ट
ने
कहा
कि
वो
सभी
से
जवाब
मांग
रहे
हैं।
इसके
बाद
ही
मामले
में
आगे
सुनवाई
की
जाएगी।
वहीं
दूसरी
ओर
जस्टिस
इंदिरा
बनर्जी
ने
इस
मामले
से
खुद
को
अलग
कर
लिया
है।
सूत्रों
के
मुताबिक
वो
कोलकाता
की
रहने
वाली
हैं,
ऐसे
में
वो
इस
सुनवाई
में
शामिल
नहीं
होना
चाहती
हैं।